अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने बुधवार को पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह के मामले से बरी करने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
हार्दिक पटेल के खिलाफ अगस्त 2015 में उनके संगठन के द्वारा हुए आंदोलन के दौरान बड़े स्तर पर हुई हिंसा के मामले में देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सेशन कोर्ट के जज दिलीप माहिदा ने मामले से बरी के लिए दिए हार्दिक के आवेदन को खारिज कर दिया। फिलहाल हार्दिक पटेल हाई कोर्ट से जून 2016 में मिली जमानत पर हैं।
हार्दिक ने आवेदन में लिखा था कि उनके खिलाफ 25 अगस्त 2015 को पाटीदार समुदाय के आंदोलन के दौरान आपराधिक साजिश और सरकार को हटाने के लिए लोगों को भड़काने से संबंध में क्राइम ब्रांच की चार्ज शीट में कोई प्रमाण नहीं है।
कोर्ट ने हार्दिक के इस आवेदन को मानने से इंकार कर दिया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इससे पहले अक्टूबर 2015 में गुजरात हाई कोर्ट ने इस मामले को खत्म करने की याचिका को खारिज कर दिया था।
बता दें कि 25 अगस्त 2015 को हुए इस आंदोलन के दौरान कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी। 18 जनवरी 2016 को क्राइम ब्रांच ने इस मामल में हार्दिक पटेल, दिनेश बंभानिया, केतन पटेल और चिराग पटेल के खिलाफ 2700 पन्ने की चार्जशीट फाइल की थी।
इन सभी के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था। उल्लेखनीय है कि अगर ये सभी इस मामले में दोषी पाए जाते हैं तो अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है।
चार्जशीट के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान लगभग 40 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
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Source : News Nation Bureau