मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर (NCR) में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए हैं. अचानक आए इस भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल बन गया, लोगों में अफरा तफरी मच गई. लोग अपने-अपने दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए. दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और कश्मीर सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. यह भूकंप के झटके मंगलवार को शाम 4 बजकर 35 मिनट पर महसूस किए गए हैं. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई है. इस भूकंप का केंद्र पाकिस्तान में था. पाकिस्तान से उत्तर पश्चिम दिशा में लाहौर से करीब 173 किमी दूर जाटलान इलाके में भूकंप का केंद्र था. यह जगह पाकिस्तान के रावलपिंडी के पास बतायी जा रही है.
भूकंप आते ही ज्यादातर लोग बुरी तरह घबरा जाते हैं. घबराहट की वजह से लोग सही फैसला नहीं ले पाते है. लेकिन भूकंप के दौरान कुछ सावधानियां बरतकर आसानी से अपना और दूसरों का बचाव किया जा सकता है.
भूकंप आने पर क्या करें और क्या न करें-
1. भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें, और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें.
2. फर्श पर बैठ जाएं, मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे छुप जाए. टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें.
3. घर के किसी कोने में चले जाएं, और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें.
4. बिस्तर पर हैं, तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें.
5. आसपास भारी फर्नीचर हो, तो उससे दूर रहें.
6. लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, लिफ्ट भूकंप के दौरान पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है, और बिजली जाने से रुक भी सकती है.
7. सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं.
8. चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें.
9. ऐसे पुलों या सड़कों पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो.
10. जब तक भूकंप के झटके खत्म न हों, घर-ऑफिस से बाहर ही रहें.
11. ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें.
भूकंप की वजह से अगर आप मलबे में दब गए है तो क्या करें-
- किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके.
- किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें.
- कतई न हिलें, और धूल न उड़ाएं.
- माचिस हरगिज़ न जलाएं, क्योंकि इस दौरान गैस लीक का खतरा हो सकता है.
- अगर कोई सीटी उपलब्ध हो, तो उसे बजाते रहें.
- यदि कोई और ज़रिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें.
Source : रवींद्र प्रताप सिंह