पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने नोटबंदी के बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास में 1.5 प्रतिशत की कमी आने का दावा किया है।
उन्होंने कहा कि जीडीपी में कटौती होने की उनकी भविष्यवाणी आखिरकार सच साबित हुई है।
चिदंबरम ने नोटबंदी को 21वीं सदी में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे ज्यादा नुकसान दायक बताते हुए कहा कि किसी भी देश को नोटबंदी जैसा कष्टकारी दुख न झेलना पड़े।
उन्होंने अपनी बात को याद दिलाते हुए कहा कि नोटबंदी के दूसरे दिन ही उन्होंने जीडीपी के 1.5 फीसदी घट जाने की भविष्यवाणी की थी।
गौरतलब है कि साल 2015-16 में देश की जीडीपी 8.2 प्रतिशत थी जो कि 2017-18 में घटकर 6.7 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने कहा,' मेरा दिल इस बात से बैठा जा रहा है कि जो मैंने कहा था वो सच हो गया। मैं बिल्कुल भी इसके सच होने की कामना नहीं कर रहा था।'
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पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मैं यह इसलिए लिख रहा हूं क्योंकि किसी भी सरकार को उसके देश और उसकी जनता को कष्ट और दुखों में डालने का अधिकार नहीं है औऱ अगर कोई सरकार ऐसा करती है तो लोगों को हक के साथ उससे सवाल पूछने का हक है।
'स्पीकिंग ट्रुथ टू पावर' किताब के तमिल संस्करण (वाइमा वेल्लम शीर्षक के नाम से प्रकाशित) के लॉन्च फ़ंक्शन के दौरान पी चिदंबरम ने कहा कि समाज में भेदभाव को समाप्त करने के लिए सभी को लिखना और बोलना चाहिए।
आपको बता दें कि यह पुस्तक दैनिक अखबार में उनके द्वारा लिखे गए निबंधों का संकलन है, जिसे इसी साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान लॉन्च किया था।
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Source : News Nation Bureau