जम्मू एवं कश्मीर सरकार के पांच अलगाववादी नेतओं की सुरक्षा वापस लेने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि उन्होंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी. मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेस ने एक बयान में कहा, "सरकार ने खुद ही अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया, जिसकी कभी मांग नहीं की गई."
मीरवाइज उमर फारूक, उन पांच अलगाववादी नेताओं में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है.
बयान में आगे कहा गया, "मीरवाइज उमर फारूक ने वास्तव में कई बार शुक्रवार के उपदेश के दौरान कहा कि वह चाहते हैं कि सुरक्षा वापस ले ली जाए. सुरक्षा वापस लेने के फैसले से न तो अलगाववादी नेताओं के रुख में बदलाव आएगा और न ही इससे जमीनी हालात पर कोई असर पड़ेगा. मीरवाइज के अलावा प्रशासन ने रविवार को अब्दुल गनी भट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी व शबीर शाह की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला रविवार शाम से लागू किया जाएगा.
Source : IANS