केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि होटल्स और रेस्त्रां ग्राहकों से सर्विस चार्ज जबरन नहीं वसूल सकते हैं। केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि होटल और रेस्त्रां में सर्विस चार्ज देना या न देना ग्राहकों पर निर्भर करेगा।
उन्होंने बताया कि सर्वस चार्ज के संबंधित सभी राज्यों को जरूरी कार्रवाई के लिए गाइडलाइंस भेजी जा रही हैं। इस बारे में विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर से भी राय मांगी थी। पासवान ने बताया कि नई गाइडलाइन में सजा का भी प्रावधान होगा। उनका कहना है कि इस कदम से मंत्रालय मजबूत होगा।
ग्राहकों की शिकायत के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है। होटलों और रेस्त्रां 5 से 20 फीसदी तक तक सर्विस चार्ज वसूलते थे।
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हालांकि इस संबंध में जनवरी में एक गाइडलाइन जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि सर्विस चार्ज बिल का ही हिस्सा होता है। विभाग ने कहा था कि सर्विस चार्ज देना या न देना ग्राहकों पर निर्भर करता है। लेकिन इस निर्देश पर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।
ग्राहकों की शिकायतें आ रही थीं कि होटल और रेस्त्रां ग्राहकों को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य किया जा रहा है, भले ही उन्हें सर्विस कैसी भी दी गई हो।
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पिछले हफ्ते सरकार ने बताया था कि वह सर्विस चार्ज के बारे में केंद्र सरकार सभी राज्यों को गाइडलाइंस जारी करेगी ताकि ग्राहकों का शोषण रोका जा सके।
गाइडलाइन जारी करने से पहले सरकार ने होटल असोसिएशन ऑफ इंडिया से भी इस संबंध में सफाई मांगी थी। जिसके जवाब में असोसिएशन ने भी कहा था कि सर्विज चार्ज पूरी तरह स्वैच्छिक है। साथ ही यह भी कहा था कि अगर ग्राहक सेवाओं से संतुष्ट नहीं है तो उसे सर्विज चार्ज देने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता है।
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HIGHLIGHTS
- होटल्स और रेस्त्रां ग्राहकों से सर्विस चार्ज जबरन नहीं वसूल सकते
- ग्राहक तय करेंगे सर्विस चार्ज दें या न दें
- केंद्र सरकार राज्यों को जारी करेगी गाइडलाइंस
Source : News Nation Bureau