देश भर में बेटियों की संख्या को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी लिंग अनुपात गिरता ही जा रहा है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के 17 बड़े राज्यों में जन्म के समय बेटियों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
सबसे चौकाने वाला आंकड़ा गुजरात से आया है। यहां साल 2012-14 में एक हजार पुरुषों पर 907 महिलाएं थी जो कि साल 2013-15 में घटकर यह 854 हो गई है।
गुजरात में यह संख्या 53 है तो हरियाणा में 35, राजस्थान में 32, उत्तराखंड में 27, महाराष्ट्र में 18, हिमाचल प्रदेश में 14 जबकि छत्तीसगढ़ में 12 और कर्नाटक में 11 लड़कियों की जन्म दर में कमी आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'पूर्व-गर्भधारण और प्री-नेटालोल नैदानिक तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 को प्रभावी रूप से लागू करके लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी की जा सकती है।'
रिपोर्ट की माने तो पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार में यह संख्या बढ़ी है। पंजाब में 19, उत्तर प्रदेश में 10 जबकि बिहार में 9 बेटियों के जन्म में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है, 'जिस तरह से बेटियों के जन्म में गिरावट देखने को मिला है उससे तो यही पता चलता है कि महिलाएं बेटे की चाहत में बेटियों का गर्भपात करवा रहे हैं।'
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Source : News Nation Bureau