AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अंदेशा जताया है कि 8 फरवरी के बाद शाहीनबाग (Shaheenbagh) में चल रहे प्रदर्शन का हाल जालियावाला बाग (Jaliawalbagh) जैसा हो जाएगा. उन्होंने दावा किया कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ शाहीनबाग में 50 दिनों से अधिक समय से चल रहे प्रदर्शन के खिलाफ 8 फरवरी के बाद मोदी सरकार बल प्रयोग कर सकती है. ANI से फोन पर बातचीत करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बताया, सरकार की ओर से संकेत मिले हैं कि 8 फरवरी के बाद शाहीनबाग को खाली करा लिया जाएगा. ओवैसी ने यह भी आशंका जताई कि वहां लोगों पर गोली भी चलाई जा सकती है. सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, वे शाहीनबाग को जालियावाला बाग बना सकते हैं, क्योंकि सरकार के एक मंत्री ने ही गोली मारने की बात कही है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि कौन किसको रेडिकलाइज कर रहा है.
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एनपीआर और एनआरसी पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा, सरकार को यह साफ कहना चाहिए कि 2024 तक एनआरसी लागू नहीं होगा. आखिरकार वे 3900 करोड़ रुपये एनपीआर पर क्यों खर्च कर रहे हैं. मैं ऐसा इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि मैं इतिहास का छात्र हूं. ओवैसी ने कहा, हिटलर ने अपने शासनकाल में दो बार जनगणना कराई और आखिर में उसने यहुदियों को गैस चैंबर में डाल दिया था. मैं नहीं चाहता कि हमारा देश भी उसी दिशा में आगे बढ़े.
एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा किए जाने पर ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पीएम नरेंद्र मोदी की इस घोषणा पर कहा, संसद का सत्र 11 फरवरी को समाप्त होगा. यह घोषणा 8 फरवरी के बाद या बहुत पहले भी हो सकती थी. आज इस घोषणा के बाद से लगता है कि बीजेपी दिल्ली चुनाव को लेकर चिंतित है.
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ओवैसी ने कहा, पीएम मोदी रैली में इसकी घोषणा नहीं कर सकते थे इसलिए इसे संसद में रखा. प्रधानमंत्री को आदर्श आचार संहिता की भावना को ध्यान में रखना चाहिए. बीजेपी ने दिल्ली चुनाव के लिए आखिरी पत्ता खेला है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जनता बीजेपी के झांसे में आएगी.
बाबरी मस्जिद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा, न बाबरी भूले हैं और न ही भूलेंगे. ओवैसी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड से अपील की कि वह यूपी सरकार द्वारा मस्जिद निर्माण के लिए दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन न ले. उन्होंने यह भी कहा, यकीनन दलितों के बाद भारत का मुसलमान सबसे अधिक गरीब है, लेकिन वह इतना भी गरीब नहीं है कि वह एक मस्जिद नहीं बना सके.
Source : News Nation Bureau