द्वारका शक्तिपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मोहन भागवत के हिंदू वाले बयान को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने कहा इस बात में कोई तर्क नहीं है कि जो भारत में पैदा हुए हैं वो सभी हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि यह 'समाज की मूल संरचना को खत्म करने करने वाली बात है।'
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जो भारत में रह रहे हैं वह सभी हिंदू हैं।
मथुरा की यात्रा के दौरान शंकराचार्य ने मीडिया से चर्चा में कहा, 'इस कथन में कोई तर्क नहीं है कि जो भी भारत में पैदा हुआ है वह हिंदू है। बल्कि यह समाज की मूल संरचना को खत्म करना है।'
एक सच्चे हिंदू को वेद और शास्त्र में पूरा विश्वास होता है। वहीं एक मुस्लिम कुरान, हदीस और एक ईसाई बाइबिल को अनुसरण करते हैं।
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इसी हफ्ते त्रिपुरा में एक बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय आरएसएस प्रमुख ने कहा था, 'भारत के मुस्लिम भी हिंदू हैं।'
वहीं अयोध्या विवाद के मामले में शंकराचार्य ने कहा किसी राजनीतिक दल को अयोध्या में मंदिर बनाने का हक नहीं है। उन्होंने कहा, 'केवल शंकराचार्य और धर्माचार्य को ही यह हक है कि वे अयोध्या में राम मंदिर बनवाए।'
उन्होंने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है इसलिए सरकार मंदिर नहीं बना सकती।
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Source : News Nation Bureau