5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से 4 राज्यों में भाजपा को मिली जीत ने विरोधियों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है. देश में भाजपा की बढ़ती पकड़ को कमजोर करने के लिए विरोधी सारे जतन करते दिख रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को दिग्गज राजनीतिज्ञ शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया है. पार्टी के विलय के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि पूरे देश और आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को एक साथ लाने के नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया था.
Former Union minister Sharad Yadav merges his Loktantrik Janata Dal (LJD) with Rashtriya Janata Dal (RJD) led by Lalu Prasad Yadav at former's residence in Delhi. pic.twitter.com/zAUOaXRGrQ
— ANI (@ANI) March 20, 2022
राज्यसभा जाने की अटकलें हुई तेज
आरजेडी और एलजेडी के विलय के बाद सियासी गलियारे में ऐसी अटकलें है कि शरद यादव को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव उन्हें राज्यसभा पहुंचा सकते हैं. दरअसल, बिहार में इसी वर्ष जुलाई में राज्यसभा की पांच सीटें खाली होने जा रही है. पार्टियों के विधायकों की संख्या के मुताबिक इनमें से दो सीटें भाजपा की और एक सीट जेडीयू के खाते में जाएगी, जबकि बाकी दो सीटें आरजेडी के खाते में आएंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि शरद यादव को आरजेडी अपने खाते से राज्यसभा भेज सकती है. गौरतलब है कि इससे पहले पिछले वर्ष अगस्त में लालू यादव ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की थी, तभी से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. हालांकि, शरद यादव ने मीडिया से लालू यादव ने कहा था कि शरद यादव का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने और उनके सांसद न रहने से अब संसद सूनी हो गई है.
जिंदगी भर वोट मधेपुरा से,राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़ सरकारी बंगले के लोभ में राजनीतिक समझौता कर लिया @SharadYadavMP आपने।
कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की पर बेटी-समधी को कांग्रेस से टिकट दिलवाया।भ्रष्टाचार के खिलाफ थे पर आज भ्रष्टाचार में डुबकी लगा दिए। pic.twitter.com/2C4SoTrv6l— Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) March 20, 2022
शरद के कदम से बौखलाई जेडीयू
शरद यादव की ओर से अपनी पार्टी जनतांत्रिक जनता दल का आरजेडी में विलय के ऐलान करने के बाद जेडीयू ने शरद यादव पर तीखा हमला बोला है. जेडीयू के फायरब्रांड प्रवक्ता निखिल मंडल ने ट्वीट कर तंज कसा कि जिंदगी भर वोट मधेपुरा से, राजनीतिक कद मधेपुरा से और अपने मधेपुरा वाले बंगले को छोड़ सरकारी बंगले के लोभ में राजनीतिक समझौता कर लिया शरद यादव आपने. इसके आगे उन्होंने लिखा कि आपने कांग्रेस के खिलाफ राजनीति की, लेकिन बेटी और समधी को कांग्रेस से टिकट दिलवाया. भ्रष्टाचार के खिलाफ थे पर आज भ्रष्टाचार में डुबकी लगा दी.
गौरतलब है कि जेडीयू के आरजेडी के साथ चुनाव लड़ने के बाद जेडीयू का भाजपा के साथ सरकार बनाने के फैसले के खिलाफ शरद यादव जेडीयू से अलग होकर 2018 में अपनी पार्टी का गठन किया था. इसके बाद जेडीयू ने उनकी राज्यसभा सदस्य भी खत्म करवा दी थी. तब से वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं है.
HIGHLIGHTS
- शरद यादव ने अपनी पार्टी का आरजेडी में किया विलय
- जेडीयू से अलग होकर 2018 में बनाई थी अलग पार्टी
- राज्यसभा भेजे जाने की लगाई जा रही है अटकलें
Source : News Nation Bureau