जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म होने पर पार्टी ने तंज कसा है। वहीं शरद यादव ने लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।
शरद ने ट्वीट किया, 'मुझे राज्यसभा से अयोग्य घोषित किया गया क्योंकि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को हराने के लिए बनाए गए महागठबंधन को 18 महीने बाद सत्ता में बने रहने के लिए तोड़ दिया गया। अगर इस गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली के खिलाफ बोलना मेरी गलती है तो मैं लोकतंत्र को बचाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।'
उन्होंने कहा, 'मुझे मेरी पत्नी ने सूचित किया था कि रात लगभग 10 बजे एक नोटिस आया था।'
उन्होंने कहा कि नोटिस 15 पृष्ठों से अधिक का है, इसलिए वह इस पर बाद में टिप्पणी करेंगे।
वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज करते हुए कहा कि अब केवल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद 'जिंदाबाद' कहने से काम नहीं चलेगा अब लालू के पुत्र तेजस्वी, तेजप्रताप और राबड़ी देवी का भी गुणगान करना होगा।
गुजरात चुनाव के बाद अलग पार्टी बनाएंगे शरद यादव, अगले सप्ताह करेंगे ऐलान
उन्होंने कहा, "शरद और अली अनवर ने जब राजनीति में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के परिचायक लालू प्रसाद 'जिंदाबाद' का नारा लगाया था, तब जेडीयू ने राज्यसभा सचिवालय में उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन दिया था। इस निर्णय का जेडीयू स्वागत करता है, इससे राजनीति में शुचिता का संदेश गया है।"
वहीं शरद यादव की इस मुश्किल घड़ी में आरजेडी उनके साथ नजर आ रही है।
आरजेडी का मानना है कि शरद का कद इतना बड़ा है कि वह किसी पद के मोहताज नहीं हैं। उनकी पहचान उनकी सिद्घांत और उनकी विचारधारा रही है।
आरजेडी के प्रवक्ता मृत्यंजुय तिवारी ने राज्यसभा सचिवालय के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि शरद ने जिन लोगों को राजनीति में चलना सिखाया, वही लोग उनकी सदस्यता समाप्त करने में लगे रहे। उन्होंने जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे इससे पहले जॉर्ज फर्नांडिस के साथ भी ऐसा ही व्यवहार कर चुके हैं।
बता दें कि उपराष्ट्रपति व राज्यसभा अध्यक्ष एम. वैंकेया नायडू ने सोमवार को यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जेडीयू गुट ने यादव और अंसारी की अयोग्यता के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
शरद यादव और अली अनवर ने बिहार के महागठबंधन टूटने के बाद विपक्ष का साथ दिया था। शरद यादव को राज्यसभा में पिछले साल ही चुना गया था और उनका कार्यकाल 2022 तक था, जबकि अली अनवर का कार्यकाल 2018 में समाप्त होने वाला था।
जेडीयू के बागी सांसद शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म, पार्टी ने की थी अनुशंसा
Source : News Nation Bureau