कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपमानजनक सूचक टिप्पणी करने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. थरूर ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ आपराधिक मानहानि का यह केस तिरुवनंतपुरम की एक अदालत में दायर किया है. शशि थरूर ने यह मुकदमा रविशंकर प्रसाद के द्वारा उन पर किए गए एक बयान पर माफी नहीं मांगने के बाद दायर किया है. थरूर के वकील ने 31 अक्टूबर को रविशंकर प्रसाद को कानूनी नोटिस भेजकर उन्हें (शशि थरूर) 'हत्यारोपी' बताने के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था.
रवि शंकर प्रसाद ने शशि थरूर की एक टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि कांग्रेस सांसद ने भगवान शिव का अनादर किया है. प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा था, 'एक हत्याकांड में आरोपी थरूर ने भगवान शिव का अनादर करने की कोशिश की है. खुद को शिवभक्त बताने वाले राहुल गांधी से मैं जवाब चाहता हूं. राहुल गांधी को सभी हिंदू से माफी मांगना चाहिए.'
दरअसल शशि थरूर ने एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से कर दी थी. संघ के एक सदस्य द्वारा 2012 में एक पत्रकार को कही गई बात को उद्धृत करते हुए बेंगलुरू साहित्य उत्सव में शशि थरूर ने कहा था, 'मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं. जिसे आप हाथ से हटा नहीं सकते और चप्पल मार नहीं सकते.'
कांग्रेस सांसद के वकील ने लिखा था कि शशि थरूर के खिलाफ पुलिस के आरोप पत्र में भी हत्या का कोई आरोप दर्ज नहीं किया गया है. नोटिस में कहा गया था- 'आपका यह बयान कि शशि थरूर हत्या के गंभीर आरोप में आरोपित हैं, से आपकी कुछ परोक्ष मंशा जाहिर होती है.'
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नोटिस में कहा गया था कि उपर्युक्त परिस्थितियों से जाहिर है कि आपने मानहानि का अपराध किया है, जिसके लिए आपके ऊपर अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है. नोटिस में प्रसाद के इस बयान वाली वीडियो क्लिप सोशल मीडिया से हटाने की मांग की गई थी.
नोटिस में लिखा था कि शशि थरूर पर ऐसा झूठा और निराधार आरोप लगाने के लिए आपको ये नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर बिना शर्त और लिखित माफी मांगने को कहा जाता है.
Source : News Nation Bureau