भारी-भरकम अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग कर टि्वटर यूजर को चकित करने वाले शशि थरूर आज टि्वटर पर ट्रोल हो रहे हैं. अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ह्यूस्टन में मेगा शो HOWDI MODI के दौरान उमड़ी भीड़ को काउंटर करने के चक्कर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर भारी भूल कर बैठे. दरअसल, शशि थरूर ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, 1954 में अमेरिका में नेहरू और इंडिया गांधी (शायद वे इंदिरा गांधी लिखना चाह रहे थे). उन्होंने लिखा, अमेरिकी जनता के उत्साह को देखें. बिना किसी विशेष जनसंपर्क अभियान, भीड़ प्रबंधन या मीडिया प्रचार के.
Nehru & India Gandhi in the US in 1954. Look at the hugely enthusiastic spontaneous turnout of the American public, without any special PR campaign, NRI crowd management or hyped-up media publicity. pic.twitter.com/aLovXvCyRz
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 23, 2019
एक टि्वटर यूजर ने लिखा, आखिरकार यह इंडिया गांधी कौन हैं? एक अन्य यूजर ने लिखा है, आप अब भी विश्वास करते हैं कि इंदिरा गांधी ही इंडिया थीं और इंडिया ही इंदिरा गांधी है. आखिर इस विजिट का क्या परिणाम निकला. भारत को अमेरिका का प्रतिबंध झेलना पड़ा. रिचर्ड निक्सन ने इंदिरा गांधी को तब अपशब्द भी बोले थे. एक यूजर ने शशि थरूर के ट्वीट में गलतियों को उजागर करते हुए इंडिया को इंदिरा गांधी, यूएस को सोवियत संघ और 1954 के बदले 1956 और अमेरिकन पब्लिक को सोवियत संघ की जनता मार्क किया है.
एक अन्य यूजर ने लिखा है, थरूर साहब इंदिरा गांधी को इंडिया और सोवियत संघ को अमेरिका समझ रहे हैं. एक अन्य यूजर लिखते हैं, कम ऑन शशि जी... वर्तमान की तुलना भूत से मत कीजिए. एक यह स्वर्णिम काल है और एक आपका गौरवमयी इतिहास. वर्तमान में जियो और मोदी जी को पस्त करो. आपका तथाकथित गौरवमयी इतिहास अब कुछ भी नहीं है. एक अन्य यूजर कहते हैं, ये कांग्रेस को क्या होता जा रहा है. वैचारिक रूप से दिवालिया हो गई है क्या? कांग्रेस में हर कोई राहुल गांधी बनने की कोशिश क्यों कर रहा है. ट्वीट करते समय देख तो लिया करो.
एक दूसरे यूजर ने शशि थरूर को जवाब देते हुए लिखा, पहली बात यह कि यह तस्वीर अमेरिका की नहीं बल्कि 1956 के मास्को की है और यह कांग्रेस की असली कल्चर को दिखाती है ..1954 में इंदिरा गांधी किसी भी पद पर नहीं थी फिर किस हैसियत से नेहरू उन्हें इस तरह रैली में लेकर निकले ?? एक यूजर ने आपत्ति जताते हुए लिखा है,
'कदली सीप भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन.
जैसी संगति बैठिये, तैसो ही फल दीन.'
एक अन्य यूजर का कहना है, अमेरिका और रूस के महत्व को समझिए. रूस के साथ भारत के संबंध प्रारंभ से ही मधुर रहे हैं. अमेरिका का क्रेडिट भी जवाहरलाल नेहरू को दीजिएगा क्या? यह दिखाता है कि आप मोदी जी से कितना जलते हैं.
I am told this picture (forwarded to me) probably is from a visit to the USSR and not the US. Even if so, it still doesn't alter the message: the fact is that former PMs also enjoyed popularity abroad. When @narendramodi is honoured, @PMOIndia is honoured; respect is for India. https://t.co/9KQMcR0zTD
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 23, 2019
अंत में गलती का अहसास होने पर शशि थरूर ने अपने पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा, मुझे बताया गया है कि यह तस्वीर शायद यूएसएसआर के दौरे की है, अमेरिका की नहीं. यदि ऐसा है, तब भी यह संदेश को बदल नहीं सकता है. तथ्य यह है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों ने विदेशों में भी लोकप्रियता हासिल की.
Source : सुनील मिश्र