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अब शशि थरूर का पार्टी लाइन फॉलो करने से इंकार, केरल कांग्रेस में भूचाल

केंद्र को लिखे जाने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार करने और हाल में मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की खुलेआम तारीफ करने के बाद से शशि थरूर प्रदेश इकाई के नेताओं के रोष का सामना कर रहे हैं.

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Nihar Saxena
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Shashi Tharoor

हाई स्पीड रेल परियोजना के विरोध के लिए मांगा समय.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के सुधाकरन ने कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर समेत पार्टी में किसी अन्य के पास भी इसके निर्देशों को नकारने का अधिकार नहीं है. साथ ही सुधाकरन ने थरूर को चेताया कि अगर वह कांग्रेस के फैसलों के दायरे में नहीं रहते, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा. कन्नूर में सुधाकरन ने कहा, 'शशि थरूर पार्टी में केवल एक व्यक्ति हैं. एक शशि थरूर कांग्रेस नहीं है. अगर वह पार्टी के फैसलों के दायरे में रहते हैं तो वह पार्टी का हिस्सा रहेंगे और अगर वह इसे नकारते हैं तो उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा..

केंद्र को लिखे पत्र पर नहीं किए हस्ताक्षर
केरल में ‘सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर’ के खिलाफ पार्टी सांसदों द्वारा केंद्र को लिखे जाने वाले पत्र पर हस्ताक्षर करने से इंकार करने और हाल में मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की खुलेआम तारीफ करने के बाद से शशि थरूर प्रदेश इकाई के नेताओं के रोष का सामना कर रहे हैं. अपनी पार्टी के सहयोगियों की आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने ट्वीट किया था कि कुछ मुद्दों पर राजनीतिक मतभेदों को अलग रखना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा था कि वह सिल्वर लाइन परियोजना पर अध्ययन करने के बाद अपनी राय प्रकट करेंगे.

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थरूर पर केरल कांग्रेस अध्यक्ष सख्त
सुधाकरन ने कहा कि सभी को अपने विचार बनाने का अधिकार है, 'लेकिन चाहे वह शशि थरूर हों या के सुधाकरन, किसी को भी पार्टी के फैसलों को नकारने का अधिकार नहीं है.' उन्होंने कहा, 'पार्टी में ऐसा अधिकार किसी को नहीं दिया गया है, यहां तक कि एक सांसद को भी नहीं.' सुधाकरन ने कहा कि थरूर से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है और यह प्राप्त होने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. इस बीच कांग्रेस और यूडीएफ के सभी सांसदों ने रेल मंत्री से मिलकर पर्यावरण और वित्तीय मुद्दों का हवाला देते हुए इस परियोजना को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था, लेकिन थरूर मंत्री से नहीं मिले.

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सीएम पिनरायी विजयन की भी की तारीफ
इस परियोजना से राज्य को होने वाले पर्यावरणीय और वित्तीय नुकसान का हवाला देते हुए कांग्रेस हाई-स्पीड रेल परियोजना के खिलाफ अभियान चला रही है. करीब एक लाख करोड़ रुपये के निवेश से इस परियोजना को पांच साल में पूरा करने का प्रस्ताव है. पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन को राज्य कांग्रेस नेतृत्व के साथ थरूर की खुली बयानबाजी अच्छी नहीं लगी. उन्होंने राज्य कांग्रेस नेतृत्व को खुले तौर पर थरूर को पार्टी अनुशासन की पेचीदगियां सिखाने को कहा. इससे पहले राज्य की राजधानी में एक प्रमुख शॉपिंग मॉल के उद्घाटन समारोह के दौरान थरूर ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में निवेश लाने के लिए सकारात्मक कदम उठा रहे हैं. इस पर राज्य के कांग्रेस नेताओं की और तीखी प्रतिक्रिया हुई, क्योंकि उन्हें लगा कि सार्वजनिक रूप से पिनारायी का समर्थन करने से राज्य के विपक्ष के बारे में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

HIGHLIGHTS

  • हाईस्पीड रेल परियोजना के खिलाफ मंत्री से नहीं मिले थरूर
  • यही नहीं, सीएम पिनरायी विजयन की भी कर दी तारीफ
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