हाल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में इमरान खान ने ट्रंप के सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया था जिसपर ट्रंप ने कहा था कि भारत ने भी उनसे इस मसले पर मदद मांगी है और मध्यस्थता करने के लिए कहा है. हालांकि भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप से कभी ऐसा कुछ नहीं कहा.
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अब इस मामले में पूर्व विदेश राज्य मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप को शायद नहीं पता की वो क्या कह रहे हैं. उन्होंने ट्रंप के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, शायद वो इस मुद्दे को समझ नहीं पाए या किसी ने उनको इस बारे में नहीं बताया. थरूर ने कहा कि, ये मुमकिन ही नहीं है कि कश्मीर मुद्दे पर पीएम मोदी किसी और से बात करेंगे क्योंकि इस मुद्दे पर भारत का रुख साफ हौ कि वो इसमें किसी तीसरे की मध्यस्थता नहीं चाहता. अगर भारत चाहेगा तो वो पाकिस्तान से सीधे तौर पर बात करेगा.
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इससे पहले मंगलवार को ट्रंप के दावे का खंडन करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, 'मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा कि ऐसा कोई अनुरोध पीएम मोदी ने नहीं किया है.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'भारत पहले से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है. पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद़्दे पर बातचीत के लिए सीमा पार आतंकवाद को खत्म करना जरूरी होगा.' विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करने का आधार प्रदान करती है. भारत के विरोध के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने ही मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का खंडन कर कश्मीर को दोनों देशों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा बताया. अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ निरंतर कदम उठा रहा है, जो भारत के साथ एक सफल वार्ता की कुंजी साबित हो सकती है.