बॉलीवुड में शॉटगन के नाम से मशहूर एक्टर शत्रुघन सिन्हा का आज जन्मदिन है. पारिवारिक पृष्ठभूमि फिल्म जगत से न होने के बावजूद उन्होंने बॉलीवुड में वो नाम कमाया, जिसको कमाना आज भी बहुत मुश्किल है. इंडस्ट्री में उन्होंने वो कर दिया जिसके आज कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं. एक विलेन से एक्टर तक के रोल को उन्होंने बखूबी निभाया.
शत्रुघन सिन्हा का जन्म 9 दिसंबर, 1945 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. एक्टर के पिता एक डॉक्टर थे. वहीं उनके चार भाई हैं. इन चारों भाईयों का नाम दशरथ के बेटों की तरह राम, लखन, भरत और शत्रुघन है. उन्होंने पटना साइंस कॉलेज से ग्रेजुएट की और उसके बाद अपने दोस्त के बताने पर एफटीआईआई से पढ़ाई की.
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पॉलिटिकल करियर की तरफ रुख करें तो शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने करियर के दौरान भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे, मगर टिकट ना मिलने की वजह से उन्होंने साल 2019 में कांग्रेस ज्वॉइन कर ली. शत्रुघ्न सिन्हा को अपने जीवन में एक बाद का अफसोस भी है. दरअसल साल 1992 के बाईपोल इलेक्शन में शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड सुपरस्टार राजेश खन्ना के सामने थे. राजेश खन्ना उस समय कांग्रेस का हिस्सा थे और शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा में थे. राजेश खन्ना ने करीब 25 हजार वोटों से शत्रुघ्न सिन्हा को हरा दिया था.
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बता दें कि अपनी कड़क आवाज के बल पर इंडस्ट्री में छाने वाले एक्टर शत्रुघन सिन्हा को देवानंद की फिल्म 'प्रेम पुजारी' से ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी मिलिट्री ऑफिसर का किरदार निभाया था. उसके बाद उनकी कई फिल्में आईं और उन्होंने अपनी फिल्मों से लाखों- करोड़ों लोगों का अपना फैन बना लिया. उनकी यादगार फिल्मों में 'मेरे अपने', 'कालीचरण', 'विश्वनाथ', 'दोस्ताना', 'क्रांति', 'नसीब', 'काला पत्थर', 'लोहा' जैसी फिल्मों का नाम है.
Source : News Nation Bureau