देश और देशवासियों की रक्षा के लिए आतंकियों के समाने जान की बाजी लगाने वाले जांबाजों को मरणोपरांत शौर्य चक्र सम्मान से नवाजा गया. इसमें सेना, अर्द्ध सैनिक बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीदों की विधवाओं को यह सम्मान प्रदान किया. जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर इमरान हुसैन टाक को 2017 में श्रीनगर में गोली लगने से घायल होने के बावजूद एक टॉप आतंकवादी कमांडर को मारने और एक अन्य को गिरफ़्तार करने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने उनकी पत्नी गुलनाज अख्तर को पुरस्कार दिया.
2018 में जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन में एक विदेशी आतंकवादी को मारने और दो अन्य को घायल करने के लिए 4 पैरा (विशेष बल) के लांस नायक संदीप सिंह को शौर्य चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर को पुरस्कार दिया.
भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट के सिपाही ब्रजेश कुमार को 2018 में जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान A++ श्रेणी के आतंकवादी को मारने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी श्वेता कुमारी को पुरस्कार दिया.
55वीं राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही हरि सिंह को 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आतंकवादी को मारने और एक अन्य को घायल करने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी राधा बाई को पुरस्कार दिया.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर इमरान हुसैन टाक को 2017 में श्रीनगर में गोली लगने से घायल होने के बावजूद एक टॉप आतंकवादी कमांडर को मारने और एक अन्य को गिरफ़्तार करने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया. राष्ट्रपति ने उनकी पत्नी गुलनाज अख्तर को पुरस्कार दिया.
जम्मू-कश्मीर के SPO आशिक हुसैन मलिक को 2018 में अनंतनाग में एक ऑपरेशन के दौरान भारी हथियारों से लैस 4 आतंकवादियों को मारने के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति ने उनके माता-पिता मकबूल मलिक और शहजादो बानो को पुरस्कार दिया.
Source : News Nation Bureau