दिल्ली की 3 बार कमान संभालने वाली शीला दीक्षित (Shila dixit) अब हमारे बीच नहीं रहीं. लेकिन शीला दीक्षित को दिल्ली की तस्वीर बदलने के लिए हमेशा याद किया जाएगा. शीला दीक्षित ने निर्भया कांड के दौरान दिल्ली की महिलाओं को एक हथियार दिया था जो बाद में पूरे देश की औरतों के लिए वरदान बन गया. निर्भया कांड के दौरान तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित ने महिलाओं के लिए 3 अंकों का हेल्पलाइन नंबर शुरू किया. 31 दिसंबर 2012 में शीला दीक्षित ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए 181 नंबर शुरू किया. यह नंबर दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री के दफ्तर से संचालित किया गया जो शहर के सभी 185 थानों से जुड़ा. इस नंबर पर कॉल करके मुसीबत में फंसी महिलाएं डायरेक्ट कॉल करके मदद मांग सकती है.
शीला दीक्षित का यह तोहफा महिलाओं के लिए किस कदर वरदान बन गया वो ऐसे साबित होता है. 31 दिसंबर को यह नंबर शुरू हुआ और पहली जनवरी को इस नंबर पर आठ हजार से ज्यादा कॉल्स आईं. दो जनवरी को इनकी संख्या 2800 के आसपास आ गई. इस नंबर पर लगातार महिलाएं संकट की घड़ी में मदद मांग रही हैं. दिल्ली में शुरू किए गए हेल्पलाइन नंबर के बाद पूरे देश में महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर बनाया गया.
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हालांकि शीला दीक्षित की यह कोशिश उनके एक बयान के बाद आलोचना में आ गई थी. दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान शीला दीक्षित ने कहा था कि दिसंबर 2012 में शहर में केवल एक सामूहिक बलात्कार ने उनकी सरकार को 181 हेल्पलाइन शुरू करने के लिए प्रेरित किया था. इस बयान को लेकर बीजेपी ने तीखी आलोचना की थी. बीजेपी ने कहा था कि शीला दीक्षित का यह बयान महिलाओं के प्रति उनकी "असंवेदनशीलता" को दिखाता है.
बता दें कि शीला दीक्षित ने संयुक्त राष्ट्र की महिला स्तर समिति में भारत का प्रतिनिधित्व पांच साल(1984-89)तक की थी.