संसद: स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों को ट्रांसफर करने पर बवाल, विपक्ष जता रहा आपत्ति, सरकार ने दिया यह जवाब; जानें सब कुछ

ससंद परिसर में स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों की शिफ्टिंग हो रही है, इसे लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है. मामले में लोकसभा अध्यक्ष ने अपना पक्ष रखा है.

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Anurag Tiwari
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parliament Building Statues

parliament Building Statues ( Photo Credit : Social Media)

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संसद में स्वातंत्रता सेनानियों की मूर्तियों को शिफ्ट करने का मामला इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. दरअसल,  पुराने और संसद भवन में फिलहाल भूनिर्माण का कार्य जारी है. इस वजह से महात्मा गांधी, बाबा साहब आंबेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज, आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप सहित अन्य दिग्गजों की मूर्तियों को स्थानांतरित किया गया है. मूर्तियों को अब साथ में पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच स्थित एक लॉन में रखा गया है. लॉन का नाम- प्रेेरणा स्थल है. कांग्रेस इसकी आलोचना कर रहा है. 

विपक्ष का यह आरोप
विपक्षी नेताओं का कहना है कि वे सरकार के विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा होते थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का आरोप है कि मूर्तियां स्थानांतरित करने का मुख्य कारण यह है कि जिससे सांसद शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन न कर सकें. 

लोकसभा स्पीकर ने दिया यह जवाब
मामले में स्पीकर ओम बिरला का कहना है कि मूर्तियों को प्रेरणा स्थल में शिफ्ट किया गया है. यह एक लॉन है, जो पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच स्थित है. यह साल भर विजिटर्स के लिए खुला रहेगा. ताकि, विजिटर्स साथ में राष्ट्र निर्माताओं को देख सकें और उनसे प्रेरण ले सकें. बिरला ने आगे कहा कि मूर्तियों को हटाया नहीं गया है, उन्हें सिर्फ स्थानांतरित किया गया है. इस पर राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है. मैं समय-समय पर विभिन्न हितधारकों के साथ इस विषय पर चर्चा करता रहता हूं. लोगों का कहना है कि मूर्तियों को एक साथ एक स्थान पर रखने से उन्हें उनके जीवन के बारे में जानने में बेहतर मदद मिलेगी. 

पहले भी आरोप लगा चुका है विपक्ष
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश पहले भी इसपर आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने एक्स पर कहा था कि भारत के राष्ट्र निर्माताओं की मूर्तियों को हटाना अपमानजनक है. इसके अलावा, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने इस आम चुनाव में भाजपा को वोट नहीं दिया, इसलिए संसद से शिवाजी महाराज और बाबा साहब की मूर्तियों को हटाया जा रहा है. वहीं, गुजरात में भाजपा इस बार क्लीन स्वीप नहीं कर पाई इसलिए महात्मा गांधी की मूर्ति को हटाया जा रहा है.  खेड़ा ने कहा था कि जरा सोचिए, अगर भाजपा 400 सीटें जीत गई होती तो क्या होता.

लोकसभा सचिवालय भी दे चुका है सफाई
मामले में लोकसभा सचिवालय ने भी एक बयान जारी किया था. बयान में सचिवालय ने कहा था कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसद परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए योजना बनाई गई है. परिसर में देश के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं. चूंकि सभी प्रतिमाएं अलग-अलग स्थान पर है, इसलिए आगंतुकों को प्रतिमाओं को देखने में परेशानी हो रही है. इसलिए सभी मूर्तियों को सम्मान के साथ प्रेरणा स्थल में स्थापित किया जा रहा है. प्रेरणा स्थल इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि संसद घूमने आने वाले आगंतुक आसानी से प्रतिमाओं को देख सकें. इसी के साथ वे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें.

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Source : News Nation Bureau

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