शिवसेना ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर और राफेल लड़ाकू विमान डील को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. बुधवार को शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा गया है. शिवसेना ने कहा है कि सोनिया गांधी या उनके कांग्रेस के प्रति हमारे मन में किसी प्रकार की कोई ममता होने का कोई सवाल ही नहीं उठता, लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के लिए सरकारी मशीनरियों का मनमानी इस्तेमाल होना बंद होना चाहिए, इस पर हम अटल हैं.
सामना में लिखा गया है, '3,600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के ब्रिटिश बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने जांच के दौरान सोनिया गांधी का नाम लिया है. ऐसी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के कोर्ट में दी. इस पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच हाथापाई शुरू हो गई है. ये जो कोई मिशेल या फिशेल है, उसे दुबई से कब्जे में लेकर जब दिल्ली लाया गया तब 5 राज्यों का चुनाव प्रचार चरम पर था और बीजेपी के पिछवाड़े में आग लगी हुई थी.'
अखबार में लिखा गया है, 'प्रधानमंत्री मोदी ने एक-दो बड़ी जनसभाओं में मिशेल का उल्लेख कर कहा कि देखो अब क्या विस्फोट होता है वो. ब्रिटेन से दलाल आया है. अब मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा. इन बातों का अर्थ अब समझ में आ रहा है. मिशेल, सोनिया गांधी तथा उनके बच्चे का नाम लेनेवाला है यह पक्का था, ऐसा संकेत प्रधानमंत्री ने दिया था. मिशेल की जांच शुरू होने से पहले ही मोदी ने गांधी की ओर उंगली दिखाकर जांच की दिशा स्पष्ट कर दी, यह थोड़ा हास्यास्पद लगता है.'
इसके अनुसार, 'मिशेल को हिंदुस्तान लाने के बाद भी 5 राज्यों में मोदी प्रणीत भाजपा का जो पराभव होना था, वो हुआ. अब मिशन मिशेल का लक्ष्य 2019 है और ऐसा स्पष्ट दिखाई दे रहा है. मिशेल कोठरी में है और अंदर क्या चल रहा है ये कोई नहीं बता सकता.'
इसके अलावा अखबार ने लिखा, 'सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले का नतीजा इस बीच आया और अमित शाह सहित सारे अभियुक्त निर्दोष छूट गए. न्यायालय में सीबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों का ऐसा निवेदन है कि इस मामले में भाजपा के बड़े नेताओं का नाम लेने के लिए उन पर दबाव था और उस मामले में ये नाम लिए गए. सत्ता परिवर्तन नहीं हुआ होता तो ये नाम उस खून के मामले में उसी तरह रह गए होते. अब कांग्रेसवाले भी यही कह रहे हैं.'
अखबार के अनुसार, 'सोनिया का नाम लेने के लिए मिशेल पर दबाव डाला जा रहा है. इसका सीधा-सीधा ऐसा मतलब है कि सरकारी मशीनरी दो-चार लोगों के पैरों तले है और राजनीतिक विरोधियों को विभिन्न मामलों में अटकाने के लिए इनका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. अगस्ता वेस्टलैंड मामले में 432 करोड़ रुपए की रिश्वत बांटी गई तथा देश के पूर्व सेनाप्रमुख की भी इस मामले में गिरफ्तारी हुई. इससे धक्कादायक दूसरी और क्या बात हो सकती है!'
और पढ़ें : राफेल सौदे को लेकर यशवंत सिन्हा, प्रशांत भूषण और शौरी ने SC में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
शिवसेना ने लिखा, 'अगस्ता वेस्टलैंड मामले में दलाली मिली है और संबंधित आरोपी कितने ही बड़े क्यों न हों, उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता तथा कांग्रेस को इस मामले में जवाब देना पड़ेगा. मगर अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिशेल ने श्रीमती गांधी तथा उनकी कांग्रेस का नाम लिया इसलिए राफेल विमान घोटाले को लोग भूल जाएंगे, ऐसा कोई न समझे.'
संपादकीय में लिखा गया है कि मिशेल ने जिस तरह सोनिया गांधी का नाम लिया है, ऐसा दावा किया जा रहा है, उसी तरह राफेल मामले में प्रधानमंत्री मोदी तथा अनिल अंबानी का नाम सीधे फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने लिया और यह घोटाला करीब कुछ हजार करोड़ का है.
अखबार ने लिखा है, 'अगस्ता वेस्टलैंड मामले में 432 करोड़ रुपये की दलाली बांटी गई. राफेल मामले में विमानों की कीमत बढ़ाकर ली गई और उसमें एक उद्योगपति का भला हुआ मतलब ये लड़ाई राफेल बनाम अगस्ता वेस्टलैंड जैसी है. सोनिया गांधी तथा उनके सुपुत्र राहुल गांधी को 2019 के पहले घेरने की यह कोशिश है और क्वात्रोची के बाद अब देश में मिशेल पुराण शुरू होगा.'
इसके अनुसार, 'मिशेल अंदर है और बाहर भक्तों ने उसकी जय-जयकार शुरू की है. महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी, किसानों की आत्महत्या, राम मंदिर जैसे मामले प्रचार में पीछे हो जाएंगे और मिशेल महाराज के नाम का ही जप होगा, ऐसा दिखाई देता है. इन सबकी सहानुभूति गलती से श्रीमती गांधी तथा उनके परिवार को न मिले, यही हमारी भारत माता के चरणों में प्रार्थना है. इस 'हा-था-पा-ई' से देश और जनता को क्या मिलेगा?'
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsstate.com/india-news
Source : News Nation Bureau