सरकार गठन से पहले ही शिवसेना हुई 'सेक्युलर'

अब तक कट्टर हिंदुत्व के रूप में पहचान बनाने वाली शिवसेना अब 'सेक्युलर' हो गई है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बने शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के महाअघाड़ी गठबंधन में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सहमति बन गई है.

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Kuldeep Singh
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सरकार गठन से पहले ही शिवसेना हुई 'सेक्युलर'

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे( Photo Credit : फाइल फोटो)

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अब तक कट्टर हिंदुत्व के रूप में पहचान बनाने वाली शिवसेना अब 'सेक्युलर' हो गई है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बने शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के महाअघाड़ी गठबंधन में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लेकर सहमति बन गई है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात सेक्युलर छवि को लेकर है. तीनों दलों ने सहमति जताई है कि सेक्युलर छवि को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवसेना ने भी इस बात पर अपनी सहमति जताई है.

5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण के लिए तैयार हुई शिवसेना
कट्टर हिंदुत्व की राजनीति करती आयी शिवसेना के लिए अब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन सरकार में शामिल होने के बाद मुस्लिम हितों के मसले पर समझौता करना काफी मुश्किल हो गया है. यही कारण है कि नई सरकार के गठन से पहले ही शिवसेना शिक्षा के क्षेत्र में मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण देने पर राजी हो गयी है. ये शिवसेना का पीछे हटने का बड़ा कदम है. महाराष्ट्र में मुस्लिमों के शिक्षा में आरक्षण देने की ये योजना कांग्रेस-एनसीपी की पिछली सरकार के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार आने के बाद ये स्कीम खटाई में पड़ गयी.

क्या वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग वापस लेगी शिवसेना
शिवसेना ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग रखी थी. बीजेपी ने तो सरकार बनने पर ऐसा करने का वादा भी कर रखा था. ये मसला भी शिवसेना की तरफ से बड़ा समझौता है क्योंकि वो काफी हद तक मान गयी है कि सावरकर को भारत रत्न देने की जिद छोड़ देगी.

गठबंधन सरकार के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम से हिंदुत्व गायब
महाराष्ट्र में सरकार चलाने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम (CMP) का जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है, उसमें 40 बिंदुओं पर सहमति बनी है. खास बात ये है कि इसमें तीनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को ही तरजीह दी गई है. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में शिवसेना के हिन्दुत्व पॉलिटिक्स को नहीं दी गई है तरजीह।

न्यूनतम साझा कार्यक्रम में इन मुद्दों पर सहमति बनाई गई है

-एक रुपये में सभी नागरिकों को इलाज

-किसानों को तुरंत राहत दी जाएगी

-फसल खराब होने पर किसानों को दिया जाएगा मुआवजा

-भरे जाएंगे खाली पड़े सरकारी पद, गरीब बच्चियों को दी जाएगी मुफ्त शिक्षा

-किसानों का तुरंत कर्ज माफ करेगी सरकार, किसानों के लिए फसल बीमा योजना स्कीम में बदलाव किए जाएंगे.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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