महाराष्ट्र में अलग ही राजनीति हो रही है. कभी एनडीए का हिस्सा रही शिवसेना ने तीन दशक पुराने साथी भारतीय जनता पार्टी से किनारा कर एनसीपी और धुर विरोधी कांग्रेस के साथ महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी. इसके बाद कई मसलों पर शिवसेना का रुख बीजेपी से अलग रहा. उन मसलों पर भी जो कभी दोनों के लिए संयुक्त मसले हुआ करते थे. अब तो बात शिवसेना के यूपीए गठबंधन में शामिल होने तक पहुंच गई है. इस कड़ी में यह ध्यान रखना जरूरी है कि शिवसेना सांसद संजय राउत ने बीते कुछ घंटों में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से भी मेल-मुलाकात की है.
ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर किए तीखे वार
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि विगत दिनों टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपने मुंबई दौरे के दौरान यूपीए के आप्रसंगिक हो जाने की बात कही थी. इसके बाद शिवसेना ने ही बयान जारी किया था कि कांग्रेस के बगैर किसी फ्रंट का गठन बीजेपी को मजबूत करने का ही काम करेगा. अब संजय राउत ने कांग्रेस पर मरहम लगाने वाली बात की है. सूत्रों से जानकारी छन कर आ रही है कि शिवसेना अगले साल उत्तर प्रदेश और गोवा में आसन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है. ऐसे में यूपीए में उसके शामिल होने के कयास तेज हो गए हैं.
यूपीए में शामिल होने के कयास
इस कड़ी में संजय राउत का यह बयान महत्वपूर्ण हो जाता है. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ' हम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में एक मिनी-यूपीए चला रहे हैं. इसलिए हमें केंद्रीय स्तर पर भी इसी तरह की व्यवस्था करनी चाहिए.' यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना यूपीए में शामिल होगी, उन्होंने कहा, 'मैंने राहुल गांधी से कहा है कि वह सभी को आमंत्रित करें. लोग आकर शामिल नहीं होंगे. शादी या समारोह में भी हमें निमंत्रण भेजना होता है.' उन्होंने कहा, 'आमंत्रण आने दीजिए, उसके बाद हम इस पर विचार करेंगे. मैंने यह बात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को बता दी है.'
संजय राउत ने की राहुल गांधी की जमकर तारीफ
यही नहीं, शिवसेना नेता ने राहुल गांधी की भी जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से लोग उनके (राहुल) के बारे में सोचते हैं वह सही नहीं है. वह भी अच्छा सोचते हैं. उनकी पार्टी में कुछ कमियां (मजबूरियां) हैं. वह उन मुद्दों को हल करना चाहते हैं.' ममता बनर्जी ने कुछ दिनों पहले राहुल गांधी की स्पष्ट रूप से आलोचना करते हुए कहा था, 'यदि कोई कुछ नहीं करता हो और आधा समय विदेश में रहता हो, तो कोई राजनीति कैसे करेगा? राजनीति के लिए निरंतर प्रयास होना चाहिए.'
अचंभित कर रही कांग्रेस-शिवसेना की दोस्ती
जाहिर है कि हिंदुत्व से जुड़ी भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के इस कट्टर-कांग्रेसी रुख ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों को भी अचंभित कर दिया है. दोनों पार्टियों के बीच तीखे वैचारिक मतभेदों को देखते हुए एक समय संदेह हो रहा था कि क्या कांग्रेस-शिवसेना वास्तव में एक साथ काम कर सकेंगे. संजय राउत ने इस कयास को भी खारिज कर दिया कि राहुल गांधी तक उनकी सीधी पहुंच ने एनसीपी नेता शरद पवार को अस्थिर कर दिया है.
HIGHLIGHTS
- पहले राहुल फिर प्रियंका गांधी से मिले संजय राउत
- यूपीए में बकायदा शामिल होने के दिए संकेत
- ममता बनर्जी ने बीते दिनों कांग्रेस पर किए वार