गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद बीजेपी के अपने सहयोगी दल ही अब उनपर भौहें टेढ़ी करने लगे हैं।
शिवसेना ने शुक्रवार को अपने मुख पत्र सामना में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में उनके पास 282 सीटें नहीं बचेगी।
आगे उन्होंने लिखा है कि बीजेपी को 282 में से अपनी 100 सीट बचाने के लिए एड़ी चोटी को ज़ोर लगाना होगा।
शिवसेना ने उपचुनाव में हार पर कहा कि बीजेपी को अपने अहंकार और सहयोगियों को नज़रअंदाज करने की वजह से इस हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के एक बयान की याद दिलाते हुए लिखा कि राजस्थान में जब कांग्रेस ने उपचुनाव जीती थी तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को अब केवल उपचुनाव ही लड़ना चाहिए। इस तरह का अहंकार ठीक नहीं है।
सामना में आगे लिखा गया कि बीजेपी ने त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य में जीत हासिल करने के बाद जश्न मनाने में जुट गई। इधर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से गोरखपुर और फूलपुर सीट छीन लिया।
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बीजेपी कह रही है उपचुनाव से देश के मूड की तुलना नहीं की जा सकती लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद के 10 लोकसभा उपचुनावों में से 9 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।
बीजेपी 282 लोकसभा सीट से 272 पर आ गई है। लग रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 100 से 110 सीटों का नुकसान होगा।
इससे पहले शुक्रवार सुबह ही एनडीए में सहयोगी पार्टी टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) ने भी गठबंधन तोड़कर अलग होने का फ़ैसला किया है।
वहीं कांग्रेस 20 दलों के साथ डिनर बैठक कर रही है और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी शरद पवार के साथ युनाइटेड फ्रंट के समीकरण पर विचार कर रहे हैं।
इन सबसे अलग टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस पार्टी) सुप्रीमो ममता बनर्जी तीसरे फ्रंट की सुगबुगाहट दे रही हैं और कई पार्टी प्रमुख से बातचीत भी कर रही हैं।
ज़ाहिर है इन सब के बीच बीजेपी के लिए अपने सहयोगियों की नाराज़गी कितनी मंहगी पड़ेगी ये अब आने वाला वक़्त ही तय करेगा।
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Source : News Nation Bureau