देश की राजधानी दिल्ली में 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई आंदोलनकारी किसानों की हिंसा पर अब सियासत शुरू हो चुकी है. सबसे पहले शिवसेना ने इस पर तंज कसा है. शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, सरकार इस हिंसा को रोक सकती थी अगर वो किसानों की बात मान लेती. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में आज जो कुछ चल रहा है उस पर कोई भी समर्थन नहीं देगा. बवाल पर शिवसेना का तंज, कहा- सरकार चाहती तो हिंसा रोक सकती थी. उन्होंने कहा कि सरकार किसान विरोधी कानूनों को वापस क्यों नहीं ले रही है. क्या कोई यहां पर अदृश्य राजनीति कर रहा है.
आपको बता दें कि जब देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा था तब आंदोलनकारी किसान कुछ और ही साजिश किए हुए बैठे थे. किसानों ने अचानक से ही हर एक बैरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली में घुसना शुरू कर दिया था हालांकि पुलिस ने इस दौरान उन्हें रोकने की कोशिश भी की लेकिन वो नाकामयाब रहे, किसानों ने ट्रैक्टर पर चढ़कर जेसीबी मशीनों की मदद से बैरीकेडिंग तोड़ीं और फिर अपना उपद्रव शुरू कर दिया.
आईटीओ पर आंदोलनकारी किसानों ने एक डीटीसी बस में जमकर तोड़फोड़ की यहां पर दो युवकों की मौत भी हो गई है. आंदोलनकारी किसानों ने बताया कि इन युवकों की गोली लगने से हत्या हुई जबकि पुलिस का दावा है कि ये मौत ट्रैक्टर पलटने की वजह से हुई. वहीं नाराज किसानों ने मीडिया पर भी आईटीओ पर हमला किया एक पत्रकार की माइक आईडी भी इन किसानों ने छीन ली थी.
Source : News Nation Bureau