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शिवसेना का पीएम मोदी पर हमला, कहा- दलित आंदोलन के दौरान हिंसा कमज़ोर और स्वार्थी नेतृत्व का संकेत

केंद्र सरकार पर हमला करते हए शिवसेना ने कहा है कि एससीएसटी कानून में बदलाव के खिलाफ दलितों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा 'कमज़ोर' और 'स्वार्थी' नेतृत्व के संकेत हैं।

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pradeep tripathi
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शिवसेना का पीएम मोदी पर हमला, कहा- दलित आंदोलन के दौरान हिंसा कमज़ोर और स्वार्थी नेतृत्व का संकेत

केंद्र सरकार पर हमला करते हए शिवसेना ने कहा है कि एससीएसटी कानून में बदलाव के खिलाफ दलितों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा 'कमज़ोर' और 'स्वार्थी' नेतृत्व के संकेत हैं।

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इसके साथ ही पार्टी ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का भी जिक्र किया है। पार्टी ने कहा है कि जब हीरा व्यापारी देश को 'लूट' रहा था तो वर्तमान सरकार देश को 'तोड़ने' का काम कर रही थी।

शिवसेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सड़क पर आना डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ था।

अपने मुखपत्र सामना में लिखे गए संपादकीय में शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा हमला करते हुए कहा, 'हिंसा की घटनाएं तब होती हैं जब नेतृत्व कमज़ोर हो जाता है।'

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संपादकीय में पूछा है, 'देश को एक बार धर्म के नाम पर बंटा जा चुका है। अगर अब इसे जाति के नाम पर बांटा जा रहा है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कर रहे हैं।'

एससीएसटी कानून के कुछ प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने बदलने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का आह्वान किया था। इस बंद के दौरान हुई हिंसा में 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।

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बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस समाज में तनाव पैदा कर रही है। बीजेपी के इस आरोप पर शिवसेना ने कहा है कि अगर कुछ लोग ये दावा कर रहे हैं कि दिलतों को बरगलाकर सड़क पर लाया गया है तो इसे भी सही माना जाए कि एक दल अपने राजनीतिक लाभ के लिये पश्चिम बंगाल के आसनसोल में तनाव पैदा कर रही है।

राम नवमी के बाद से आसनसोल और रानीगंज में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

एनडीए सरकार पर हमला करते हुए शिवसेना ने कहा है, 'वोटों के लिये तनाव पैदा करना और दंगे भड़काना रातनीतिक भ्रष्टाचार है। नीरव मोदी ने देश को लूटा, लेकिन वर्तमान सरकार देश तोड़ रही है।'

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इसके साथ ही शिवसेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में गलत क्या है अगर उसने कानून का गलत इस्तेमाल न हो इसके लिये गिरफ्तारी से पहले जांच किया जाना क्या गलत है।

संपादकीय में कहा है, 'सुप्रीम कोर्ट की मंशा कानून को कमजोर करने की नहीं है बल्कि उसके गलत इस्तेमाल को रोकने का है। इसमें गलत क्या है?'

संपादकीय में कहा है कि 25 साल पहले अयोध्या में तनाव था और आज जब मोदी-शाह की सरकार है तो उसने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है वो मामले को सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ा है।

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इसके साथ ही कहा है कि देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है और अगर कोर्ट को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दिया गया तो देश को में अराजकता आ जाएगी। 

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार ने फिर से कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर किया है... ये कमजोर नेतृत्व का संकेत नहीं है तो क्या है?

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Source : News Nation Bureau

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