लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कई विपक्षी दल एकजुट दिखाई दे रहे हैं तो वहीं सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव से दूरी बना ली है।
शिवसेना के नेता अरविंद सावंत ने कहा, 'हम लोग न तो सरकार को समर्थन करेंगे और ना हीं विपक्ष का, हम लोग अविश्वास प्रस्ताव से दूर रहेंगे।'
वहीं शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, 'हम लोग वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। हम लोग देख रहे हैं कि अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर स्वीकार करती हैं या इसे खारिज करती हैं। टीडीपी के नेता अपने राज्य के मुद्दे के लिए ऐसा कर रहे हैं हम इसका स्वागत करते हैं।'
सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा, 'सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार है। हमे भरोसा है कि हमारे पास बहुमत है।'
वहीं अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एआइएडीएमके सूत्रों ने बताया है कि पार्टी ने अभी तक इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया है। हालांकि डीएमके कह चुकी है कि एआइएडीएमके को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन करना चाहिए।
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ऐसा माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के बाद भी एनडीए सरकार बचाने में कामयाब रहेगी। क्योंकि पहले से ही बीजेपी के पास 274 सांसद हैं और साथ ही कई अन्य दलों का समर्थन भी है।
केंद्र में सरकार चलाने के लिए कम से कम 272 सांसदों का समर्थन चाहिए। सभी सदस्यों को मिलाकर देखा जाए तो सरकार का यह आंकड़ा 300 के पार पहुंच जाता है। ऐसे में सरकार पूरी तरह सुरक्षित दिख रही है।
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Source : News Nation Bureau