कंगना रानौत (Kangana Ranaut) ने मुंबई पुलिस और शिवसेना (Shivsena) पर जो सवाल खड़े किए, वह बेबुनियाद नहीं. बीएमसी (BMC) के अतिक्रमण हटाओ दस्ते ने मुंबई पुलिस की मदद से बुधवार को जिस तरह आनन-फानन 'बॉलीवुड क्वीन' के बांद्रा स्थित ऑफिस में बुरी तरह से तोड़-फोड़ की, उसी तत्परता से अन्य अतिक्रमण या जर्जर इमारतों पर हथौड़ा नहीं चलाया. गौरतलब है कि बीएमसी ने मुंबई हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर कंगना के ऑफिस के बाहर और अंदर जमकर तोड़-फोड़ की.
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आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीएमसी के इंक्रोचमेंट रिमूवल डिपार्टमेंट को 1 मार्च 2016 से 8 जुलाई 2019 तक कुल 94,851 अवैध बंधकाम की शिकायतें प्राप्त हुई. गौरतलब है कि इनमें से सिर्फ मनपा ने 5,461 अवैध कामों पर कार्रवाई की. इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए बीएमसी ने मुंबई पुलिस से सुरक्षा ली थी और उसके लिए मुंबई पुलिस को 20 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया.
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आरटीआई एक्टिविस्ट शकील अहमद ने बीएमसी से सीधा सवाल पूछा है कि कंगना के मामले में जिस तरह से मुस्तैदी दिखाई गई है आखिर पिछले दो सालों में 94,851 अवैध बंधकामो पर मुस्तैदी आखिर क्यों नहीं दिखाई गई? उनका यह भी आरोप है कि शिवसेना पार्टी की अधिक से अधिक शाखाएं अवैध रूप से बनाई गई है. यहां यह भी नहीं भूलना नहीं चाहिए कि मुंबई पुलिस को भुगतान और पुलिस बंदोबस्त नहीं मिल पाने की वजह से बीएमसी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने का तर्क भी देता आया है. यह अलग बात है कि बुधवार को न सिर्फ उसे मुंबइ पुलिस का बंदोबस्त मिल गया, बल्कि इलाके की सैकड़ों अन्य अवैध निर्माण को छोड़कर कंगना के ऑफिस को ध्वस्त कर दिया.
Source : News Nation Bureau