शिवसेना ने शनिवार को सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए सुझाव दिया कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे को सर्वसम्मति से एक घंटे के लिए मुख्यमंत्री बना दिया जाए, ताकि मराठा आरक्षण की फाइल को मंजूरी दी जा सके।
महाराष्ट्र की महिला और बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे ने गुरुवार को यह कहकर सियासी भूचाल ला दिया था कि अगर मराठा आरक्षण की फाइल उनके पास आई होती तो वह बिना झिझक उसे मंजूरी दे दी होतीं, लेकिन अब मामला विचाराधीन हो गया है।
मुंडे की इस टिप्पणी के बाद शिवसेना का यह सुझाव आया है। पंकजा दिवंगत केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदा कैबिनेट सहयोगी के बयान का समर्थन करते हुए शिवसेना ने कहा कि अगर मुंडे एक घंटे के लिए मुख्यमंत्री बनती हैं तो कोई बाधा नहीं आएगी। वह पलक झपकते ही फाइल पर हस्ताक्षर कर देंगी और इसके बाद मराठा आरक्षण का मुद्दा शांत हो सकता है।
शिवसेना ने कहा, 'जैसा कि मुंडे दावा कर रही हैं, अगर वह ऐसा कर सकती हैं तो फडणवीस क्यों नहीं?'
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शिवसेना की यह तीखी टिप्पणी पार्टी के मुखपत्र 'सामना' और 'दोपहर का सामना' में प्रकाशित हुई है। साथ ही फडणवीस शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक की तैयारी में हैं, ताकि इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सके।
मुंडे ने कहा था कि इस बाबत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी संपर्क किया, जिसके बाद मुंडे के बयान को व्यापक रूप देते हुए शिवसेना ने कहा कि फडणवीस ऐसा क्यों नहीं करते।
शिवसेना ने कहा, "मोदी अधिकांश समय दिल्ली से बाहर रहते हैं। उनकी देश और राज्यों की समस्याओं में कोई दिलचस्पी नहीं है..अधिकांश समय वह विदेशों में रहते हैं। इसलिए फडणवीस सोच रहे होंगे कि अगर वह दिल्ली भी जाते हैं तो वहां किससे मदद मांगेंगे।'
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Source : IANS