तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर संप्रग के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ भाजपा और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने के समान है. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि जो लोग कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार नहीं चाहते हैं उन्हें अपना रूख सार्वजनिक करना चाहिए, न कि पीठ पीछे बातें करके भ्रम पैदा करना चाहिए.
इसने कहा कि जो लोग भाजपा से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए तो यह रुख सबसे बड़ा खतरा है. अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी तो भाजपा का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए. ममता बनर्जी के हाल में मुंबई दौरे के परिप्रेक्ष्य में शिवसेना ने यह टिप्पणी की है. इस दौरे में उन्होंने बयान दिया था कि अब संप्रग नहीं है. टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांगला’ ने शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि यह डीप फ्रीजर में चली गई है.
‘जागो बांगला’ ने हाल में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी चेहरा बनकर उभरी हैं, न कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी. शिवसेना ने कहा, ‘ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के बाद विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं. भाजपा का मजबूत विकल्प बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन इस पर चर्चा हो रही है कि किसे गठबंधन में साथ लिया जाए और किसे इससे दूर रखा जाए. लेकिन अगर सहमति नहीं है, तो किसी को भी भाजपा से मुकाबला करने की बात नहीं करनी चाहिए. नेतृत्व मुख्य मुद्दा नहीं है, लेकिन कम से कम साथ आने पर निर्णय किया जाना चाहिए.’
इसने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा कांग्रेस को हराने के लिए काम करते हैं तो कोई भी इसे समझ सकता है, क्योंकि यह उनके एजेंडा का हिस्सा हैस लेकिन जो लोग मोदी और भाजपा के खिलाफ हैं और कांग्रेस के बारे में बुरा सोचते हैं तो यह सबसे बड़ा खतरा है.’
HIGHLIGHTS
- अब शिवसेना ने टीएमसी पर बोला हमला
- कांग्रेस बगैर बीजेपी से लड़ना आसान नहीं
- ममता मजबूत कर रही फासीवादी ताकतों को