भारत ने घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए चीन को बड़ा झटका दिया है. भारत ने सस्ते आयात से बचाने के लिए कुछ एल्युमीनियम के सामान और कुछ रसायनों सहित पांच चीनी उत्पादों पर पांच साल के लिए एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, एल्यूमीनियम के कुछ फ्लैट रोल्ड उत्पादों पर शुल्क लगाया गया है. यह शुल्क वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डायरेक्टोरेट जनरल आफ ट्रेड रेमेडीज (डीजीटीआर) की सिफारिशों के बाद लगाए गए हैं. डीजीटीआर ने जांच में पाया है कि इन उत्पादों को भारतीय बाजारों में सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप डंपिंग हुई है.
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भारत और चीन दोनों WTO के सदस्य
जहां डीजीटीआर शुल्क लगाने की सिफारिश करता है, वहीं वित्त मंत्रालय इसे लागू करता है. देश यह निर्धारित करने के लिए डंपिंग रोधी जांच शुरू करते हैं कि क्या घरेलू उद्योग को लागत से कम आयात में वृद्धि से नुकसान हुआ है. उचित व्यापार सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योग को समान अवसर प्रदान करने के लिए डंपिंग रोधी उपाय किए जाते हैं. भारत और चीन दोनों ही जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं. भारत ने चीन से डंप किए गए आयात के खिलाफ अधिकतम डंपिंग रोधी मामले शुरू किए हैं. अप्रैल-सितंबर 2021 की अवधि के दौरान चीन को भारत का निर्यात 12.26 बिलियन अमरीकी डॉलर का था, जबकि आयात 42.33 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिससे 30.07 बिलियन अमरीकी डॉलर का व्यापार घाटा हुआ.
HIGHLIGHTS
- भारत ने घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लिया ये फैसला
- एल्युमीनियम के सामान और कुछ रासायनिक उत्पादों पर लगाया शुल्क
- डीजीटीआर की सिफारिशों के बाद लगाए गए हैं ये शुल्क