कोरोना वायरस को लेकर शोध की तादाद भी बढ़ती जा रही हैं. तरह-तरह के शोध भी सामने आ रहे हैं. कोरोना कैसे फैल रहा है, किन हालातों में यह ज्यादा असर कर रहा है जैसी चीजों पर शोध किया जा रहा है. आजकल कोरोना वायरस को लेकर एसिम्पटमैटिक और सिम्टोमैटिक मरीजों के अंतर से संबंधित हुए शोधों की चर्चा तेज हो गई है. इसमें से एक शोध यह बता रहा है कि जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखते हैं, उनका इम्यून सिस्सटम उन संक्रमित लोगों से ज्यादा मजबूत होता है जिनमें लक्षण नहीं दिखाई देते.
कौन है एसिम्पटमैटिक मरीज
हाल ही में दो तरह के कोरोना मरीजों में अलग-अलग शोध होना शुरु हैं. एक वे मरीज जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं. लेकिन इनके अलावा कई संक्रमित लोग ऐसे भी हैं, बल्कि ज्यादा तादाद में है, जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दिए. यहां तक कि संक्रमित मरीजों को भी यह पचा नहीं चला कि वो संक्रमित हैं. ऐसे मरीजों को एसिम्प्टमैटिक कहा जाता है. शोध में ऐसे ही मरीजों के बारे में कहा गया है कि उनकी इम्युनिटी का स्तरवायरस के खिलाफ काफी कम रहता है.
आए चौंकाने वाले नतीजे
एसिम्प्टमैटिक मरीजों का इम्यून सिस्टम मजबूत होने के कारण इनमें लक्षण स्पष्ट नहीं दिखाई देता. लेकिन शोध में पता चला कि एसिम्प्टमैटिक मरीजों में लक्षण सामान्य मरीजों की अपेक्षा कम दिखे. कई लोगों में को लक्षण बिल्कुल भी नहीं दिखे. इस एसिम्प्टमैटिक समूह के बारे में काफी कम जानकारी है क्योंकि एक तो इस तरह के लोगों को लगता ही नहीं है कि वे संक्रमित हैं और वे डॉक्टर तक पहुंचते ही नहीं हैं. इनकी जांच होने की संभावना भी कम ही होती है.
आए ये नतीजे
चीन के शोधकर्ताओं ने दो समूह के लोगों पर अध्ययन किया जो वानझोउ जिले में कोविड-19 के संक्रमण के शिकार हुए थे. इनमें से 37 लोगों में लक्षण दिखे थे, जबकि अन्य 37 लोगों में लक्षण नहीं दिखे थे. इन सभी के संक्रमण मुक्त होने के कुछ सप्ताह बाद खून के नमूने की जांच की गई. जिसमें पाया गया कि एसिम्प्टमैटिक समूह के 62.2 प्रतिशत में शॉर्ट टर्म एंटीबॉडीज थीं. वहीं वे लोग जिनमें संक्रमण के दौरान लक्षण दिखाई दिए थे, उनमें यह प्रतिशत 78.4 पाया गया.
इसके अलावा अध्ययन में यह भी पाया गया कि 81.1 प्रतिशत एसिम्पटमैटिक मरीजों में एंटीबॉडी कम हो गई जब कि सिम्प्टमैटिक मरीजों का प्रतिशत इस मामले में 62.2 ही रहा. इतना ही नहीं दूसरे मरीजों के मुकाबले एसिम्प्टमैटिक मरीजों में 18 एंटी इन्फ्लेमेट्री सेल सिग्नलिंग प्रोटीन की मात्रा का स्तर कम पाया गया. इससे यह पता चलता है कि एसिम्प्टमैटिक समूह के इम्यून सिस्टम का नोवल कोरोना वायरस के प्रति कमजोर रिस्पांस था. यह शोध नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.
Source : News Nation Bureau