श्रीराम (Ram) का वनवास खत्‍म, मंदिर (Temple) निर्माण का रास्‍ता साफ, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को दिया ये बड़ा आदेश

Ayodhya Verdict : हिन्‍दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्‍य श्रीराम (SriRam) का वनवास त्रेता युग (Treta Yug) में भले ही 14 साल का था, लेकिन कलयुग (Kalyug) में उनका वनवास कुछ अधिक ही लंबा खिंच गया. हालांकि अब उनका वनवास (Exile) खत्‍म हो गया है.

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Sunil Mishra
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श्रीराम (Ram) का वनवास खत्‍म, मंदिर (Temple) निर्माण का रास्‍ता साफ, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र को दिया ये बड़ा आदेश

श्रीराम का वनवास खत्‍म, मंदिर निर्माण का रास्‍ता साफ : SC( Photo Credit : File Photo)

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हिन्‍दुओं (Hindu) के सबसे बड़े आराध्‍य श्रीराम (SriRam) का वनवास त्रेता युग (Treta Yug) में भले ही 14 साल का था, लेकिन कलयुग (Kalyug) में उनका वनवास कुछ अधिक ही लंबा खिंच गया. हालांकि अब उनका वनवास (Exile) खत्‍म हो गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानूनी तौर पर श्रीराम को एक व्‍यक्‍ति मानते हुए अयोध्‍या (Ayodhya) में राम मंदिर का रास्‍ता साफ कर दिया है. देश के सबसे बड़े विवाद में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हिन्‍दुओं की आस्‍था और विश्‍वास (faith and belief) को दरकिनार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन माह में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट और योजना बनाने का आदेश दिया है. साथ ही मुस्‍लिम पक्ष के लिए अयोध्‍या में ही दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्‍फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी और साथ ही निर्मोही अखाड़े का एक सूट भी खारिज कर दिया.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इतिहासकारों-यात्रियों ने भी रामजन्‍मभूमि का जिक्र किया है. राम चबूतरा और सीता रसोई पर भी कोई विवाद नहीं है और हिन्‍दू वहां सदियों से पूजा करते रहे हैं. कोर्ट ने कहा, सुन्‍नी गवाहों ने भी कभी हिन्‍दुओं की आस्‍था को खारिज नहीं किया. साथ ही ASI की रिपोर्ट में मस्‍जिद, ईदगाह का जिक्र नहीं है और वहां जमीन के नीचे जो ढांचा मिला था, उसके गैर इस्‍लामिक होने के सबूत हैं. सुप्रीम कोर्ट के CJI रंजन गोगोई के नेतृत्‍व वाली संविधान पीठ ने कहा, आस्‍था में विश्‍वास होना चाहिए. CJI ने कहा, इसमें कोई दो राय नहीं कि मीर बाकी ने वहां मंदिर तुड़वाकर मस्‍जिद बनवाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अयोध्‍या में मस्‍जिद के नीचे विशाल संरचना थी और मस्‍जिद खाली स्‍थान पर नहीं बना था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एएसआई (ASI) की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, विवादित परिसर में मुस्‍लिम नमाज पढ़ते थे तो हिन्‍दू बाहर पूजा करते थे.

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा, मुस्लिम पक्ष (Muslims) यह साबित नहीं कर पाया कि बाबरी मस्जिद से पहले ये उनकी जमीन थी. इतिहासकारों और ऐतिहासिक यात्रियों ने राम जन्मभूमि की पुष्टि की है. अंग्रेजों के आने से पहले भी राम चबूतरा, सीता रसोई पर पूजा के सबूत हैं और नमाज नहीं पढ़े जाने के सबूत नहीं मिले हैं.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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