पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान अभी कम नहीं हुआ है. पार्टी के निवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू आज अमृतसर में पहली बैठक बुलाकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे. पार्टी के आधे से ज्यादा विधायक इस बैठक में नजर आएंगे. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में टकसाली नेताओं की खामोशी खुल सकती है. कैप्टन के करीबी कहे जाने वाले राजकुमार वेरका भी सिद्धू के खेमे में आ गए हैं. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के टकसाली नेताओं की नब्ज टटोल रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने के बाद पार्टी 22 जुलाई को चंडीगढ़ में पहला सियासी कार्यक्रम करेंगे.
दिग्गज नेता साधे हैं चुप्पी
नवजोत सिंह सिद्धू को हाथ में प्रदेश कांग्रेस की कमान आने के बाद से फिलहाल पार्टी के दिग्गज नेता खामोश हैं. अभी वह खुलकर इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. कैप्टन अमरिंदर इन नेताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इन नेताओं से बातचीत के बाद की कैप्टन अगला कदम तय करेंगे. दूसरी तरफ सिद्धू लगातार प्रदेश के कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों और सीनियर नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं. प्रदेश के अधिकांश मंत्री और विधायक अब सिद्धू की नियुक्ति पर आलाकमान के फैसले को सही ठहरा रहे हैं. हालांकि, पार्टी की दिग्गज टकसाली नेता अभी भी खामोश हैं.
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माफी पर अड़े कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कह दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने बयानों पर माफी मांगे. दूसरी तरफ सिद्धू ने अभी तक कोई बयान तो नहीं दिया लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि सिद्धू माफी नहीं मागेंगे. मंगलवार को सिद्धू के सबसे करीबी रहे विधायक परगट सिंह ने बयान जारी कर साफ कर दिया है कि सिद्धू को माफी मांगने की जरुरत नहीं है. कैप्टन को ही वादे पूरे न करने के लिए पंजाब की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
22 जुलाई को सिद्धू करेंगे बड़ा कार्यक्रम
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू पंजाब में कांग्रेस नेताओं और आम लोगों का समर्थन जुटाने की मुहिम में व्यस्त हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के प्रदेश प्रधान बनने के बाद पार्टी 22 जुलाई को चंडीगढ़ में पहला सियासी कार्यक्रम करेंगे. इस संबंध में फरमान नई दिल्ली से पार्टी हाईकमान द्वारा जारी किया गया है और इसके लिए प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं, विधायकों को प्रधान के नेतृत्व में लामबंद होने को कहा गया है. दरअसल, पैगासस जासूसी मामले में केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला लिया गया है, जिसके तहत पार्टी पैगासस जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेगी.