सिख प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में राजीव चौक साइनबोर्ड पर पोती कालिख

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मूर्ति पर पंजाब में कालिख पोतने के एक दिन बाद दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में सिख समुदाय के कुछ लोगों ने 'राजीव चौक' लिखे साइनबोर्ड से राजीव शब्द को ब्लैक स्प्रे से काला कर दिया.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
सिख प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में राजीव चौक साइनबोर्ड पर पोती कालिख

दिल्ली में राजीव चौक साइनबोर्ड को काला किया गया (फोटो : ANI)

Advertisment

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मूर्ति पर पंजाब में कालिख पोतने के एक दिन बाद दिल्ली के कनॉट प्लेस इलाके में सिख समुदाय के कुछ लोगों ने 'राजीव चौक' लिखे साइनबोर्ड से राजीव शब्द को ब्लैक स्प्रे से काला कर दिया. सिखों के समूह ने राजीव गांधी के खिलाफ नारेबाजी भी की. प्रदर्शन में सिख पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल थी और राजीव चौक के बदले इसका नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर करने की मांग कर रहे थे.

प्रदर्शनकारियों में एक व्यक्ति ने कहा, 'भारत का प्रधानमंत्री हिंदू, मुस्लिम और सिखों या कोई भी हो, हर समुदाय का प्रतिनिधित्व होता है. हमारी मांग है कि 1984 सिख विरोधी दंगों में राजीव गांधी की भूमिका को मानते हुए उनके भारत रत्न सम्मान को वापस लिया जाय और इस जगह को शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाय.'

इससे पहले पंजाब के लुधियाना में सिख प्रदर्शनकारियों ने राजीव गांधी की मूर्ति को स्प्रे-पेंट से काला कर दिया था और हाथ में लाल रंग लगा दिया था. इस प्रदर्शन में कथित रूप ने यूथ अकाली दल के कार्यकर्ताओं मीतपाल दुगरी और गुरदीप सिंह गोशा द्वारा लुधियाना के सालेम तिबरी क्षेत्र में मूर्ति को निशाना बनाया था. जिसके बाद कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने बाद में पूर्व प्रधानमंत्री की मूर्ति को दूध से धो दिया.

घटना के बाद सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जिला पुलिस को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है.

और पढ़ें : ISIS के नए आतंकी मॉड्यूल पर NIA की छापेमारी, 10 संदिग्ध गिरफ्तार, IG ने कहा- जल्द हमले की थी तैयारी

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को 'ओछी राजनीति' से बाज आने को कहा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'आनेवाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.' मुख्यमंत्री ने 'बादल से तुरंत अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस तरह के अप्रिय कृत्य के लिए माफी मांगने को कहा.'

गौरतलब है कि नवंबर, 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दो सिख अंगरक्षकों द्वारा अंधाधुंध गोलियां चलाकर हत्या कर दिए जाने पर आक्रोशित लोगों ने सिख समुदाय को निशाना बनाया गया था. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूरे भारत में 2,800 सिखों की हत्या की गई थी जिसमें सिर्फ दिल्ली में 2,100 लोगों की हत्या हुई थी. अपनी मां को खोने के गम में डूबे राजीव गांधी ने अचानक फैले दंगों पर कहा था, 'जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांप उठती है.'

और पढ़ें : नमाज़ पर रोक को लेकर मायावती ने योगी सरकार पर साधा निशाना, कहा- चुनाव से पहले क्यों की जा रही कार्रवाई?

अभी हाल ही में 17 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 दंगे में संलिप्तता के कारण कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद यह मामला फिर से गरम हो गया था.

Source : News Nation Bureau

congress delhi Rajiv Gandhi Connaught Place दिल्ली राजीव गांधी 1984 Riots Anti Sikh Riots sikh protesters rajiv chowk राजीव चौक
Advertisment
Advertisment
Advertisment