सिक्किम-तिब्बत-भूटान सीमा पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध में भिड़ी भारतीय सेना के वापस हटने की संभावना न के बराबर है।
भारतीय सैनिक सिक्किम-तिब्बत-भूटान तिराहे के नजदीक रणनीतिक रुप से अहम जमीन की सुरक्षा के लिए खुदाई कर रहे हैं। यह इलाका जल विद्युत परियोजना झलोंग से महज 30 किलोमीटर दूर है, जो भूटान की सीमा से लगा हुआ है।
भूटान के डोकलाम में ही चीनी सेना सड़क बना रही थी, जिसे भारत ने रोक दिया है। चीनी सेना के इस प्रोजेक्ट से इस जल विद्युत परियोजना पर खतरा मंडरा सकता है।
इसके अलावा चीन अगर विवादित इलाके पर कब्जा करने में सफल होता है तो सिलीगुड़ी कॉरिडर और सिलीगुड़ी की स्थिति रणनीतिक रूप से संवेदनशील हो जाएगी। इससे देश के अन्य इलाकों का पूर्वोत्तर के साथ संपर्क संकट में आ जाएगा। भारत इस जोखिम को उठाने को तैयार नहीं है।
दरअसल चीनी सैनिक भूटान को धमकाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारतीय सेना ने चीन की इस कोशिश को रोक दिया। जिसके बाद से चीन बौखलाया हुआ है। चीनी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ युद्ध की धमकी दे रहा है।
हाल ही में चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में भारत को सबक सिखाने और सिक्किम की आजादी की मांग को समर्थन दिए जाने की अपील की गई थी।
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भारत और चीन के बीच जारी सैन्य गतिरोध की वजह से जर्मनी के हैम्बर्ग में होने वाली जी-20 की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली संभावित बातचीत रद्द हो चुकी है।
चीन की तरफ से माहौल ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी के साथ शी जिनपिंग की बातचीत रद्द किए जाने को लेकर भारत साफ कर चुका है ऐसी कोई बातचीत पहले से तय नहीं थी, इसलिए उसे रद्द करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
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HIGHLIGHTS
- सिक्किम-तिब्बत-भूटान सीमा पर भारतीय सेना के वापस हटने की संभावना न के बराबर है, पिछले 20 दिनों से जारी है सैन्य गतिरोध
- रणनीतिक रूप से संवेदनशील पूर्वोत्ततर के इलाकों और भूटान के जलविद्युत परियोजना की वजह से सेना की पीछे हटने की संभावना नहीं
Source : News Nation Bureau