चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय नौसेना (Indian Navy) की समुद्री ताकत में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. तीसरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस करंज (INS Karanj) को बुधवार को नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल किया गया है. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और एडमिरल वीएस शेखावत (सेवानिवृत्त) की मौजूदगी में करंज को भारतीय नौसेना में शामिल कराया गया. नौसेना पहले ही इस श्रेणी की दो पनडुब्बियों- आईएनएस कलवरी (INS Kalvari) और आईएनएस खंदेरी को इसी शिपयार्ड से अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है. इस पनडुब्बी का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत किया गया है. भारत सरकार के साथ हुए समझौते के तहत इस शिपयार्ड पर छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है. इसके तहत वेला और वजीर का परीक्षण चल रहा है, जबकि छठी पनडुब्बी का निर्माण कार्य चल रहा है.
साइलेंट किलर है आईएनएस करंज
‘साइलेंट किलर’ नाम से मशहूर ईएनएस करंज को मेक इन इंडिया अभियान की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि कलवरी क्लास की ये तीसरी सबमरीन जब अपने मिशन पर रहती है, तो कोई आवाज़ नहीं करती है. यानी ये सबमरीन दुश्मन के इलाके में होगी, उसे नेस्तानाबूद कर रही होगी, तब कोई आवाज़ नहीं आएगी. साथ ही बिना रडार की पकड़ में आए ये दुश्मन को नुकसान पहुंचा सकती है. यही कारण है कि लंबे वक्त तक पानी में रहकर ये सबमरीन भारती नौसेना को समुद्र में मजबूत करेगी.
Scorpene-class submarine INS Karanj commissioned into Indian Navy in Mumbai, in presence of Chief of Naval Staff Admiral Karambir Singh and Admiral (Retired) VS Shekhawat pic.twitter.com/8Sk520fhzR
— ANI (@ANI) March 10, 2021
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान को बचाएगी भारत की कोरोना वैक्सीन, मुफ्त दी जाएंगी 1.6 करोड़ डोज
आईएनएस करंज की लंबाई-चौड़ाई
आईएनएस करंज की लंबाई करीब 70 मीटर की है, जबकि ऊंचाई 12 मीटर है. इस सबमरीन का वजन करीब 1600 टन का है. ये सबमरीन मिसाइल, टॉरपीडो से लैस है, साथ ही समुद्र के भीतर ही माइन्स बिछाकर दुश्मन को तबाह करने का माद्दा रखती है. आईएनएस करंज एक डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन है. साइज के मामले में ये सबमरीन भले ही किसी न्यूक्लियर सबमरीन से छोटी है, लेकिन सबसे घातक भी है, क्योंकि छोटा साइज होने के कारण इसे समुद्र के नीचे ढूंढ पाना मुश्किल है, जो दुश्मन के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है.
यह भी पढ़ेंः हरियाणा में खट्टर सरकार की अग्निपरीक्षा आज, JJP ने बढ़ाई टेंशन
नाम के पीछे की कहानी
इस देसी सबमरीन का नाम आईएनएस करंज है और इसके पीछे की भी अलग-अलग कहानियां हैं. करंज एक मछली का भी नाम है, जो महाराष्ट्र के क्षेत्र में काफी मशहूर है. इसके अलावा INS KARANJ के हर एक शब्द का भी अलग-अलग मतलब निकाला गया है. जिसमें शब्दों का अर्थ K - किलर इन्सटिंक्ट, A- आत्मनिर्भर, R- रेडी, A- एग्रेसिव, N- निंबल, J- जोश है. आईएनएस करंज से पहले आईएनएस कलवेरी, आईएनएस खंडेरी भी भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं. ये सभी कलवेरी क्लास की 6 सबरीमन का हिस्सा हैं.
यह भी पढ़ेंः नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी आज दाखिल करेंगी नामांकन, शुभेंदु अधिकारी से है महामुकाबला
प्रोजेक्ट 75 इंडिया है दमखम
उल्लेखनीय है कि भारत प्रोजेक्ट-75 इंडिया के तहत छह और बड़ी और सक्षम पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बना रहा है. दूसरी तरफ, नौसेना ने 11 हथियार-सह-टोरपीडो-सह-मिसाइल (एसीटीसीएम) जहाजों के निर्माण के लिए सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ समझौता किया है. नौसेना ने जारी बयान में कहा कि ठाणे की एमएसएमई सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच मार्च को समझौता हुआ. बयान के अनुसार जहाजों की आपूर्ति 22 मई से शुरू होनी है. बयान में कहा गया है कि यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मील का पत्थर है.
HIGHLIGHTS
- स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस करंज को बुधवार को नौसेना के जंगी बेड़े में शामिल
- आईएनएस कलवरी और आईएनएस खंदेरी को नौसेना पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर चुकी
- भारत प्रोजेक्ट-75 इंडिया के तहत छह और बड़ी और सक्षम पनडुब्बियों के निर्माण की योजना