Silkyara Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे में मिली कई खामियां, जांच में हुआ ये बड़ा खुलासा

Silkyara Tunnel Collapse: उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें कई वजहों को हादसे का कारण माना गया है.

author-image
Suhel Khan
New Update
Silkyara Tunnel

Silkyara Tunnel Collapse ( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

Silkyara Tunnel Collapse: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के ढहने की जांच जारी है. शुरूआती जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि ये हादसा कई वजह से हुआ. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरकाशी सुरंग हादसे की वजह परियोजना का गलत अलाइनमेंट और कटाव वाले इलाके में होना है. इसके अलावा ये हादसा पहले के हादसों से सबक न लेने का भी नतीजा रहा है जिसे बिना 'रि-प्रोफाइलिंग' के ही आगे बढ़ाया गया. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे में पिछले रिकॉर्ड पर ध्यान नहीं दिया गया. जिसके चलते पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं किए गए. यही नहीं रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि ठेकेदार को एनएचआईडीसीएल द्वारा नियुक्त किए गए इंजीनियर से काम करने की इजाजत नहीं मिली थी.

ये भी पढ़ें: Deepika Padukone Post: दीपिका के ट्रेडिशनल लुक पर फिदा हुए रणवीर सिंह, फोटो पर कर दिया ऐसा कमेंट 

शुक्रवार को सौंपी गई रिपोर्ट

बता दें कि सिल्क्यारा टनल हादसे पर शुक्रवार को विशेषज्ञों के पैनल ने सड़क परिवहन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि कार्यस्थल पर सेंसर और दूसरे जरूरी उपकरण भी कम पाए गए. जो री-प्रोफाइलिंग काम के दौरान जमीनी व्यवहार को पकड़ते हैं. जिससे काम के वक्त जरूरी सावधानी बरती जा सके. इसके साथ ही इस हादसे में उचित निगरानी की भी कमी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पहले दो मौकों पर गड्ढे थे. जो दिखाते हैं कि ठेकेदार को काम करते समय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत थी.

ये भी पढ़ें: Neeraj Chopra Birthday : चीट मील से डाइटिंग तक... जानें क्या-क्या खाते हैं गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा

इसके साथ ही एनएचआईडीसीएल को काम की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि इस सुरंग ढहने की घटना से पहले भी 21 बार ऐसे हादसे हो चुके हैं. बावजूद इसके सिलक्यारा में इस तहत का हासदा हो गया और 41 मजदूरों की जान 17 दिनों तक सुरंग में फंसी रही.

भविष्य में ऐसे हादसों से बचने दिए गए सुझाव

इस रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने का रास्ता भी सुझाया गया है. जिसमें सड़क और रेलवे के लिए सुरंग बनाने, सुरंग सुरक्षा के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) विकसित करने के साथ-साथ विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र में परियोजनाओं को ठीक से पूरा करने के उपाय बताए गए हैं. इसमें कहा गया है कि बेहतर योजना और पूरा करने के लिए गति शक्ति मंच एक भूवैज्ञानिक सहयोगात्मक ढांचे की जरूरत होती है. बता दें कि सिलक्यारा टनल हादसे पर अभी पूरी रिपोर्ट आनी बाकी है.

ये भी पढ़ें: अब यमन में जहाज के पास ड्रोन विस्फोट, चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित

सीमा सड़क संगठन, रेलवे के अधिकारियों और दो प्रोफेसरों वाला पैनल इस मामले की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर रहा है. जिसे ठेकेदार द्वारा पेश डिजाइन रिपोर्ट और भूवैज्ञानिक मानचित्रण की समीक्षा करने के बाद तैयार किया जाएगा और उसके बाद इस रिपोर्ट को पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Weather Today: जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में भारी बर्फबारी, मैदानी इलाकों में बढ़ी गलन, यहां हो सकती है बारिश

HIGHLIGHTS

  • कई वजहों से हुआ सिलक्यारा टनल हादसा
  • शुरुआती जांच रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
  • परियोजना का गलत अलाइनमेंट बना हादसे की वजह

Source : News Nation Bureau

Advertisment
Advertisment
Advertisment