राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का समर्थन किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि एक साथ चुनाव कराने से व्यय और प्रबंधन से संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी। राष्ट्रपति ने इस बारे में चुनाव आयोग को कदम उठाने की सलाह देते हुए कहा कि वो सभी राजनीतिक पार्टियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आए, ताकि इस मुद्दे पर विचार किया जा सके।
प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'राजनीतिक दल सामूहिक रूप से इस पर विचार करें और इसमें चुनाव आयोग को भी शामिल करना चाहिए। मैं खुद इस बात पर विश्वास करता हूं कि अगर सभी राजनीतिक पार्टियां गंभीरता के साथ इस मुद्दे पर सहमत हो जाती हैं तो लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होना संभव होगा।'
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राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस खास अवसर पर देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव होने पर व्यय और प्रबंधन के मामले में होने वाली कई परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
गौरतलब है कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस विचार का समर्थन कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ होने चाहिए। इस पर सभी राजनीतिक दलों को साथ आना चाहिए और व्यापक बहस होनी चाहिए।
आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि एक साथ चुनाव कराने पर काफी खर्च आएगा। इसके अलावा लोगों की सुरक्षा और काफी संख्या में ईवीएम मशीनों का भी इंतज़ाम करना होगा।
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Source : News Nation Bureau