यश बैंक के पूर्व अध्यक्ष राणा कपूर के बयान का कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने खंडन किया है. सिंघवी ने कहा कि एक व्यक्ति जो वर्षों से सलाखों के पीछे है, वह मृत लोगों के बारे में आरोप लगाता है और सरकार उसमें कूद रही है क्योंकि यह उनके राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुरूप है. वे 2010 के लेन-देन के संबंध में 2022 के बर्तन उबालना चाहते हैं जब इस आरोप को इनकार करने या जवाब देने के लिए न तो मुरली देवड़ा और न ही अहमद पटेल जीवित हैं.
A person who is behind bars for yrs makes allegations about dead people&govt is jumping as it suits their political angle.They want to keep the pot boiling for 2022 regarding a transaction of 2010 when neither Murli Deora nor Ahmed Patel is there (alive) to deny it: Congress Spox https://t.co/GtS2twXWK4 pic.twitter.com/TauOdtir6i
— ANI (@ANI) April 24, 2022
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धनशोधन के मामले में विशेष अदालत में दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर ने केंद्रीय एजेंसी को बताया कि उन्हें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा से एम एफ हुसैन की पेंटिंग खरीदने के लिए ‘विवश' किया गया. इस तस्वीर से प्राप्त राशि का उपयोग गांधी परिवार ने सोनिया गांधी का न्यूयॉर्क में उपचार कराने के लिए किया.
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आरोप पत्र के मुताबिक कपूर ने ईडी को बताया कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि उन्होंने एम एफ हुसैन की पेंटिंग को खरीदने से मना किया तो न केवल इससे गांधी परिवार से संबंधों को बनाने में बाधा उत्पन्न होगी बल्कि उससे ‘पद्म' सम्मान प्राप्त करने में कठिनाई होगी. राणा कपूर का यह कथित बयान ईडी द्वारा विशेष अदालत में हाल में यस बैंक के सह संस्थापक, उसके परिवार, दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचईएल) के प्रवर्तक कपिल और धीरज वाधवान और अन्य के विरुद्ध धन शोधन के मामले में दाखिल दूसरे पूरक आरोप पत्र (कुल तीन) का हिस्सा है.
आरोप पत्र के मुताबिक कपूर ने ईडी को बताया कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने कहा था कि यदि राणा कपूर ने एम एफ हुसैन की पेंटिंग को खरीदने से मना किया तो न केवल इससे गांधी परिवार से संबंधों को बनाने में बाधा उत्पन्न होगी बल्कि उससे ‘पद्म’ सम्मान प्राप्त करने में कठिनाई होगी.