उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में दलित समुदाय की एक युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को दिए गए अतिरिक्त 10 दिन भी आज खत्म होने वाले हैं. ऐसे में गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता वाली SIT टीम आज अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार सौंप सकती है. इसके बाद स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई संभव है.
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पहले 7 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंपनी थी. हालांकि जांच की मियांद SIT की मांग पर 10 दिन और बढ़ाई गई थी. गौरतलब है कि हाथरस में एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी मौत के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने 30 सितंबर को एसआईटी का गठन किया था. उस वक्त उसे अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए सात दिन का समय दिया गया था.
उधर, सीबीआई की टीम भी अलीगढ़ जाकर आरोपी और डॉक्टरों से पूछताछ कर सकती है. ग्रामीणों को कैंप कार्यालय बुलाकर बयान लेने का सिलसिला जारी है. सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है. शुक्रवार को सीबीआई टीम के सदस्यों ने हाथरस मामले की जांच के दौरान आरोपी लवकुश के घर पर छापेमारी की. तलाशी में सीबीआई की टीम को लवकुश के घर से 'लाग दाग' वाली एक शर्ट मिली.
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इसके बाद इस बात को लेकर संदेह बढ़ गया है कि कहीं इस शर्ट पर खून के निशान तो नहीं हैं. एजेंसी के अधिकारियों ने यह कहते हुए शर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है कि इसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, क्योंकि यह लाल निशान खून के भी हो सकते हैं. हालांकि आरोपी के परिवार ने ऐसे दावों का खंडन किया है. सीबीआई की टीम पिछले चार दिनों से हाथरस के बुलगड़ी गांव में है और उसने पीड़िता के पिता और भाइयों से भी बातचीत की है.
बता दें कि हाथरस में 14 सितम्बर को 19 साल की एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इस दौरान उसके साथ मारपीट भी की गयी थी. लड़की को पहले अलीगढ़ के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां से तबीयत खराब होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के दौरान 29 सितम्बर को उसकी मौत हो गई थी.