कांग्रेस ने दिल्ली हिंसा के एक मामले में दिल्ली पुलिस की सप्लीमेंट्री (पूरक) चार्जशीट में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और अन्य विपक्षी नेताओं का नाम शामिल किए जाने की आलोचना की है और कहा है पार्टी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी. अन्य विपक्षी दल भी सोमवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान यह मुद्दा उठाएंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "हम निश्चित रूप से यह मुद्दा उठाने जा रहे हैं, क्योंकि यह आधिकारिक मशीनरी के दुरुपयोग का मामला है." पार्टी गैर-राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) नेताओं के साथ बातचीत कर रही है और एक संयुक्त रणनीति पर काम कर रही है.
दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है- येचुरी
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और रमेश ने इस मामले पर सभी विपक्षी राजनीतिक दलों से बात की है. दिल्ली पुलिस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अन्य को दिल्ली हिंसा के मामले में चार्जशीट में नामजद किया है. येचुरी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है. इसकी गैर-कानूनी गतिविधियां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की राजनीति का सीधा परिणाम हैं.
24 फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी
वे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा वैध शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से डरते हैं और विपक्ष को निशाना बनाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं."इन लोगों को इस मामले की आरोपी देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और गुलफिशा फातिमा द्वारा किए गए खुलासे के बाद नामजद किया गया. तीनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प के बाद 24 फरवरी को हिंसा भड़क उठी थी.
Source : IANS