बिहार: विशेष राज्य के दर्जे की मांग हुई तेज, राष्ट्रपति से मिला जेडीयू का प्रतिनिधिमंडल

बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आगामी लोकसभा को चुनाव को देखते हुए अपने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को और तेज कर दिया है।

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vineet kumar1
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बिहार: विशेष राज्य के दर्जे की मांग हुई तेज, राष्ट्रपति से मिला जेडीयू का प्रतिनिधिमंडल

फाइल फोटो

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बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आगामी लोकसभा को चुनाव को देखते हुए अपने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को और तेज कर दिया है। आज इसी सिलसिले में जेडीयू के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की।

गौरतलब है कि जेडीयू प्रमुख और सीएम नीतीश कुमार ने 15 वें वित्त आयोग की बैठक से ठीक पहले भी अपनी इस पुरानी मांग को दोहराते हुए मोदी सरकार को लंबी चिट्ठी लिखी थी और बिहार की समस्याओं को गिनाते हुए विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया था। उन्होंने इसे बिहार का हक बताया था।

वित्त आयोग की बैठक से पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के फायदे बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि शुरू से ही बिहार की हर तरह से उपेक्षा हुई है।

उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि पिछड़े राज्य के विकास के लिए उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। बिहार को शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों के विकास के लिए आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। ऐसे कई और भी कारण है जिसके लिए बिहार का विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।

हालांकि राष्ट्रपति की तरफ से जेडीयू के प्रतिनिधिमंडल को इस पर क्या आश्वासन दिया गया है यह अभी साफ नहीं हो पाया है। दिलचस्प है कि रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनने से पहले बिहार के ही राज्यपाल थे इसलिए उनका राज्य से विशेष लगाव है।

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विशेष राज्य के दर्जे की मांग क्यों हुई तेज

चूंकि आने वाले 8 से 10 महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में नीतीश कुमार ने यूपीए सरकार के बाद एनडीए सरकार से अपनी इस मांग को मनवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बना रहे हैं ताकि आने वाले चुनाव में वो राज्य में इसका श्रेय ले सकें और इस सफलता को वोटों के रूप में भुना सकें।

हालांकि विशेष राज्य के दर्जे की मांग को अब बिहार की दूसरी राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिल रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से लेकर लालू की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)  इसे बिहार का हक बताती है।

गौरतलब है कि बिहार जैसे राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को मानकों में बदलाव करना होगा और संविधान में संशोधन की भी जरूरत होगी। 

विशेष राज्य के मांग को लेकर ही तेलुगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू एनडीए का साथ छोड़ चुके हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार मोदी सरकार पर इसके लिए कितना दबाव बना पाते हैं। 

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Source : News Nation Bureau

Chief Minister Nitish Kumar Lok Jan Shakti Party jdu delegation met president special status demand to bihar
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