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राजस्थान गवर्नर के आधा दर्जन सवालों ने उड़ा दी सीएम अशोक गहलोत की नींद

राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट का यथास्थिति बरकरार रखने से जुड़ा फैसला पायलट (Sachin Pilot) खेमे के पक्ष में आने के बाद से ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार तीखी बयानबाजी पर उतर आई है.

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Nihar Saxena
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टकराव के रास्ते पर गवर्नर कलराज मिश्रा और सीएम अशोक गहलोत.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट का यथास्थिति बरकरार रखने से जुड़ा फैसला सचिन पायलट (Sachin Pilot) खेमे के पक्ष में आने के बाद से ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार तीखी बयानबाजी पर उतर आई है. सबसे पहले तो अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा (Kalraj Mishra) को ही धमकी दे डाली और फिर राजभवन में कांग्रेसी विधायकों की फौज लेकर पहुंच गए. देर रात चली मंत्रिमंडल की बैठक में भी मुख्यमंत्री विधानसभा सत्र बुलाने पर चर्चा करते रहे. हालांकि जानकार बताते हैं कि राज्यपाल कलराज मिश्रा के आधा दर्जन सवालों ने गहलोत को हिलाकर रख दिया है. देर रात चली बैठक में भी इन्हीं सवालों पर चर्चा हुई. राज्यपाल से खुलेआम टकराव पर आमादा गहलोत सरकार की बेसब्री इस आशंका से और बढ़ गई है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी पायलट खेमे के पक्ष में जाने पर सूबे की सियासत तेज मोड़ भी ले सकती है.

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संवैधानिक स्थिति और राज्यपाल की भूमिका
हालांकि संवैधानिक स्थिति यही कहती है कि राज्यपाल को मंत्रिमंडल की सलाह के अनुरूप ही चलना होगा, लेकिन विशेष परिस्थितियों में राज्यपाल अपने विवेक से फैसला कर सकते हैं. चूंकि सुप्रीम कोर्ट में इसी मसले पर सोमवार को बहस होनी है, तो ऐसे में बनती परिस्थितियां राज्यपाल को विवेकाधिकार का इस्तेमाल करने की इजाजत दे सकती हैं. यही गहलोत की भी परेशानी है. 109 विधायकों का साथ होने का दावा कर रहे गहलोत ने अपने चहेते एसओजी प्रभारी से सचिन पायलट समेत केंद्रीय मंत्री शेखावत के खिलाफ खरीद-फरोख्त के जरिये निर्वाचित सरकार गिराने की साजिश रचने का केस तो दर्ज करा दिया है. यह अलग बात है कि पूरी कहानी के पेंच-ओ-खम से वह भी अच्छे से वाकिफ हैं.

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राज्यपाल के प्रश्नों पर हुई बैठक में चर्चा
संभवतः इसी कारण अशोक गहलोत शुक्रवार देर रात कैबिनेट से सलाह-मशवरा करते रहे. जानकारों के मुताबिक इस बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्‍यपाल कलराज मिश्रा के सीएम को भेजे गए आधा दर्जन सवालों पर भी चर्चा हुई. इन सवालों ने अशोक गहलोत की नींद उड़ा दी है. राज्यपाल ने गहलोत सरकार से पूछा है कि अगर उनके पास पहले से बहुमत है, तो विधानसभा सत्र बुलाकर बहुमत परीक्षण क्‍यों चाहती है. राजभवन ने शुक्रवार शाम को यह पत्र सरकार के पास भिजवाया था. मुख्‍यमंत्री आवास पर करीब ढाई घंटे चली बैठक में इसी पर चर्चा हुई. इसके साथ ही गवर्नर ने राज्‍य सरकार को भेजे अपने नोट में कहा है कि 'कोई भी संवैधानिक दायरे से ऊपर नहीं है और दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए.' गवर्नर ने कहा कि उन्‍होंने कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञों से इसपर सलाह ली है. इसके बाद, छह बिंदुओं को उठाते हुए एक नोट सरकार के पास भेजा गया है.

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गवर्नर ने पूछे तीखे सवाल
अपने नोट में गवर्नर ने कहा है कि कैबिनेट नोट में विधानसभा सत्र की कोई तारीख नहीं बताई गई है, न ही सरकार ने किस वजह से यह बुलाने की मांग की है, वह भी नहीं बताया गया है. कैबिनेट ने सत्र के लिए कोई अप्रूवल भी नहीं दिया है. गवर्नर ने कहा कि सामान्‍य परिस्थितियों में 21 दिन का नोटिस देना अनिवार्य होता है. राजभवन के बयान में कहा गया कि गवर्नर ने सरकार से कहा है कि 'सभी विधायकों की स्‍वतंत्रता और आने-जाने की आजादी सुनिश्चित करें.' गवर्नर ने यह भी पूछा है कि राज्‍य में कोविड-19 के हालात को देखते हुए विधानसभा सत्र कैसे बुलाया जा सकता है. राज्‍यपाल ने साफ निर्देश दिए हैं कि 'सरकार अपनी हर कार्रवाई में संवैधानिक मर्यादा और जरूरी प्रक्रिया का पालन जरूर करे.'

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धरने पर राजभवन ने मांगी सफाई
इसके पहले सचिन पायलट समेत 19 विधायकों की बगावत के बाद राजनीतिक मंझदार में फंसी गहलोत सरकार की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं. यही वजह है कि हाईकोर्ट के यथास्थिति बरकरार रखने के फैसले के बाद ही गहलोत सरकार चाहती है कि राज्‍यपाल विधानसभा सत्र बुलाएं ताकि वह बहुमत साबित कर सकें. इससे पहले शुक्रवार को गहलोत ने कहा था कि गवर्नर को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए पत्र लिखा गया था मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई. यही वजह है कि जब गहलोत समर्थक विधायकों ने राजभवन के सामने करीब पांच घंटे तक धरना दिया, तो गवर्नर ने कहा कि वह संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से काम करेंगे. संवैधानिक प्रावधान फिलहाल तो सूबे में विशेष परिस्थितियों की ओर ही इशारा कर रहे हैं. यही परिस्थिति अशोक गहलोत की नींद उड़ाए हुए है.

HIGHLIGHTS

  • राजस्थान के मुख्यमंत्री और राज्यपाल सीधे टकराव की ओर.
  • सीएम विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़े तो गवर्नर ने पूछे सवाल.
  • सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने पर मोड़ लेगी सियासत.
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