भारत (India) और चीन की सेनाएं लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में कुछ पीछे हट गई हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सेना दो किमी और भारतीय सेना अपनी जगह से एक किलोमीटर पीछे हटी है. गलवान घाटी के फिंगर फोर क्षेत्र में कई हफ्ते से दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने डटी हुई हैं. पिछले कई दिनों से गलवान घाटी में फोर फिंगर क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव बना हुआ है.
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यहां का पैंगोंग क्षेत्र सबसे ज्यादा विवादों में है. दोनों देशों के बीच छह जून को जो मीटिंग होने वाली है, उसमें पैंगोंग पर ही ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद जताई जा रही है. फिंगर फोर इलाके में चीन की सेना कई हफ्ते से डटी हुई है जो भारत के नियंत्रण क्षेत्र में है.
दोनों देशों में 6 जून को अहम बैठक
आपको बता दें कि लद्दाख के सीमाई क्षेत्र में चीन की सेना अपना दम दिखाने का प्रयास कर रहा है. भारतीय सेना भी चीन की सेना के सामने डट गई है. दोनों देशों की ओर से बातचीत भी जारी है, लेकिन अब तक गतिरोध खत्म नहीं हो पाया है. एक बार फिर दोनों मुल्कों की सेना बातचीत करने जा रही है. ये बैठक में 6 जून को प्रस्तावित है.
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इस बैठक में दोनों सेनाओं के लेफ्टिनेंट जर्नल रैंक के अधिकारी हिस्सा लेंगे. भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के लिहाज से यह मीटिंग काफी महत्वपूर्ण है. इस बैठक को भारत की ओर से लेह स्थित 14 कॉर्प कमांडर का डेलीगेशन लीड करेगा. यह उच्च स्तरीय बैठक सीमा पर संकट खत्म करने के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है.
कई हफ्ते से चला आ रहा विवाद
पूर्वी लद्दाख में यह विवाद मई की शुरुआत से चल रहा है. लद्दाख ने LAC पर भारत की ओर से सड़क निर्माण का कार्य कराया जा रहा था, जिसका चीन ने लगातार विरोध कर रहा है. इसके बाद 5 मई को पैंगोंग लेक पर दोनों देशों की सेनाएं भिड़ गईं. इस झड़प में जवान घायल भी हो गए थे. इसके बाद इलाके में चीन ने सक्रियता बढ़ा दी और सैनिकों की तैनाती के साथ ही तंबू लगा दिए. LAC पर चीन की इस हरकत का भारतीय सेना ने भी जवाब दिया और वे भी वहीं डट गए.