कोरोना के बाद अब दुनिया के विभिन्न देशों सहित भारत में मंकीपॉक्स को लेकर लोगों को चिंता सताने लगी है. दिल्ली में रविवार को 34 वर्षीय एक व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया, जिसके बाद भारत में मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर कुल 4 हो गई. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय का कहना है कि ये बीमारी कोरोना की तरह जानलेवा नहीं है. साथ ही उन्होंने मंकीपॉक्स को लेकर एक विशेष जानकारी दी है. डॉक्टर राय ने बताया कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं है. वह बताते हैं चेचक का टीका इस बीमारी से भी सुरक्षा देता है.
बता दें मंकीपॉक्स का वायरस नाक, मुंह और आंख से शरीर में प्रवेश कर सकता है. ये वायरस संक्रमित जानवर के डायरेक्ट या इंडायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से मनुष्यों में फैलता हैं. मंकीपॉक्स के लक्षण की अगर बात करें तो तेज बुखार, त्वचा पर चकत्ते, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द,थकावट, गले में खराश और खांसी, आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, पेशाब में कमी इसके कुछ खास लक्षण हैं. मंकीपॉक्स से बचने के लिए लोगों को कुछ भी चीज खाने-पीने से पहले साबुन से हाथ धोना चाहिए. ताकि इस वायरस से दूरी बनी रहे.
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50 साल पुराना है ये वायरस
वहीं प्रोफेसर डॉक्टर संजय ने ये भी बताया है कि 45 वर्ष से कम उम्र के जिन लोगों का इम्यून सिस्टम किसी कारण से कमजोर है, उन्हें थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. डॉक्टर राय का ये भी कहना है कि ये रोग कोई नया नहीं है, बल्कि 50 साल पुराना है. वह बताते हैं 1970 के दशक में सबसे पहले अफ्रीकी देश कांगो में यह बीमारी इंसान में पाई गई थी, जिसके बाद से कई देशों में इसका संक्रमण फैल चुका है.वैश्विक स्तर पर 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इस संक्रमण के कारण अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.
HIGHLIGHTS
- मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 हुई.
- 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए
- नाक, मुंह और आंख से शरीर में प्रवेश कर सकता
Source : News Nation Bureau