सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद महिलाएं वहं प्रवेश नहीं कर पाईं. कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया. इस दौरान हिंसा की भी घटनाएं हुईं, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हुए. 22 अक्टूबर को मंदिर के द्वार दर्शन के लिए बंद कर दिये गये हैं. इसी बीच मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सबरीमाला मंदिर पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि मुझे पूजा करने के अधिकार है, अपवित्र करने का नहीं. साथ ही कहा कि वह अपने पीरियड ब्लड से मंदिर को अपवित्र करना नहीं चाहेंगी.
कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने कहा कि, ' पूजा करना मेरा अधिकार है, लेकिन अपवित्र करना नहीं. मैं एक कैबिनेट मंत्री होने के नाते सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नहीं बोल सकती हूं. पर यह एक साफ कॉमनसेंस की बात है कि क्या आप पीरियड ब्लड से सने सैनटरी पैड को लेकर अपने दोस्त के घर जाएंगी?'
इसके जवाब में वह खुद ही करती हैं कि, 'आप नहीं जाएंगी. फिर क्या उसी खून से सने सैनटरी पैड के साथ भगवान के घर जाएंगे. यहीं अंतर है जिसे हमें समझना होगा.'
हालांकि जब सोशन मीडिया पर केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर सवाल उठने लगे तब स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा कि ये फेक न्यज है और वो जल्द ही इसका वीडियो पोस्ट करेंगी.
सबरीमाला परिसर में 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर पहले रोक थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है. पर कोर्ट के आदेश के बावजूद महिलाएं अंदर प्रवेश नहीं कर पाईं और सोमवार रात दरवाजे बंद कर दिया गये.
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दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह केरल के सबरीमाला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर अब सुनवाई 13 नवंबर को करेगा.
Source : News Nation Bureau