43 साल की स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार-2 में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली है. 2014 में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार में स्मृति ईरानी पहले शिक्षा मंत्री रहीं और उसके बाद उन्हें कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. हार से सीख लेकर उसे जीत में बदलना स्मृति जुबिन ईरानी से सीखना चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार का मुंह देखने वाली स्मृति ईरानी ने पांच सालों की कड़ी मेहनत के बाद जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव जीतने के अगले दिन ही अमेठी में उनके एक कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया. उस समय उन्होंने वहां पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी. आइए जानते हैं स्मृति ईरानी के कैरियर के बारे में.
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हार के साथ शुरुआत
स्मृति ईरानी के सियासी सफर की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही है. 2003 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और इसके बाद अपना पहला चुनाव दिल्ली के चांदनी चौक से लड़ा. लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल के सामने वह जीत न पाईं.
2011 में वह राज्यसभा के लिए चुनी गईं. 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से लड़ा, लेकिन इस बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी ने उनके जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी.
इस बीच वह अमेठी में अपने लिए जमीन बनाती रहीं. 5 सालों तक अमेठी की सेवा करती रहां. इसी का नतीजा रहा कि उन्हें 2019 में जीत मिली. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
2001 में हुई शादी, 'तुलसी' बन घर-घर में हुई फेमस
स्मृति ने मुंबई में रहने के दौरान खुद की आजीविका चलाते हुए मनोरंजन इंडस्ट्री में ऑडिशन देना शुरू किया. 2001 में स्मृति ईरानी ने पारसी व्यवसायी जुबिन ईरानी से शादी कर ली. स्मृति ईरानी के दो बच्चे हैं. उनके बेटे का नाम जौहर और बेटी का नाम जौइश है. स्मृति ईरानी ने प्रसिद्ध अभिनेत्री नीलम कोठारी को रिप्लेस कर 'ओह ला ला ला' शो को होस्ट किया. इसके बाद स्मृति ईरानी को एकता कपूर का सीरियल मिला.
छोटे पर्दे से शुरुआत
1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची लेकिन विजेता न बन पाईं. उन्होंने 2002 में टेलीविजन सीरियल 'हम हैं कल और आज कल' से अपने कैरियर से शुरुआत की. एकता कपूर के सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में उन्होंने तुलसी का किरदार निभाया था.
जिसके बाद वह देश के हर घर की पसंद बन गईं. स्मृति ज़ुबिन ईरानी पांच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, चार इंडियन टेली अवार्ड और आठ स्टार परिवार पुरस्कार जीत चुकी हैं. 2001 में उन्होंने जीटीवी पर आने वाले सीरियल रामायण में सीता का किरदार निभाया था.
स्मृति ईरानी का विवादों से नाता
2011 में स्मृति ईरानी को राज्यसभा भेजा गया. एक साल बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी का वाइस-प्रसिडेंट बनाया गया. स्मृति ईरानी 2011 से लेकर मई 2014 तक कोयला एवं स्टील कमिटी की सदस्य रहीं. 26 मई 2014 को स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री बनीं. वह कई विवादों में भी घिरी. पहला विवाद उनकी शिक्षा को लेकर हुआ. विपक्ष ने उनपर जमकर हमला किया और यहां तक कहा गया कि वह शिक्षा मंत्री बनने की योग्यता नहीं रखती हैं.
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब स्मृति ईरानी के 2004 एवं 2014 के शैक्षणिक योग्यता में अलग-अलग बात बताई गई. 2004 में स्मृति ईरानी ने एफिडेविट के जरिए दिल्ली यूनिवर्सिटी से आर्ट डिग्री में स्नातक होने की बात लिखी. इसमें कहा गया कि उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉरस्पोडेंस से स्नातक की डिग्री ली है.
लेकिन जब 2014 में स्मृति ईरानी अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं थी तो उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स पार्ट-1 में स्नातक होने की बात लिखी. इसके बाद विवाद शुरू हुआ. इसके अलावा जेएनयू एवं हैदराबाद यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमूला की आत्महत्या के मामले में भी स्मृति ईरानी विवादों में आई.
गौरतलब है कि 43 साल की स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार-2 में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली है. 2014 में पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार में स्मृति ईरानी पहले शिक्षा मंत्री रहीं और उसके बाद उन्हें कपड़ा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
Source : News Nation Bureau