PM Narendra modi Oath Ceremony : स्मृति ईरानी ने मोदी सरकार में मंत्री के रूप में ली शपथ. हार से सीख लेकर उसे जीत में बदलना स्मृति जुबिन ईरानी से सीखना चाहिए. 2014 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से हार का मुंह देखने वाली स्मृति ईरानी ने पांच सालों की कड़ी मेहनत के बाद जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव जीतने के अगले दिन ही अमेठी में उनके एक कार्यकर्ता को मौत के घाट उतार दिया गया. उस समय उन्होंने वहां पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी. आइए जानते हैं स्मृति ईरानी के कैरियर के बारे में.
हार के साथ शुरुआत
स्मृति ईरानी के सियासी सफर की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही है. 2003 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की और इसके बाद अपना पहला चुनाव दिल्ली के चांदनी चौक से लड़ा. लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल के सामने वह जीत न पाईं.
2011 में वह राज्यसभा के लिए चुनी गईं. 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से लड़ा, लेकिन इस बार फिर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी ने उनके जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी.
इस बीच वह अमेठी में अपने लिए जमीन बनाती रहीं. 5 सालों तक अमेठी की सेवा करती रहां. इसी का नतीजा रहा कि उन्हें 2019 में जीत मिली. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया.
छोटे पर्दे से शुरुआत
1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची लेकिन विजेता न बन पाईं. उन्होंने 2002 में टेलीविजन सीरियल 'हम हैं कल और आज कल' से अपने कैरियर से शुरुआत की. एकता कपूर के सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में उन्होंने तुलसी का किरदार निभाया था.
जिसके बाद वह देश के हर घर की पसंद बन गईं. स्मृति ज़ुबिन ईरानी पांच सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, चार इंडियन टेली अवार्ड और आठ स्टार परिवार पुरस्कार जीत चुकी हैं. 2001 में उन्होंने जीटीवी पर आने वाले सीरियल रामायण में सीता का किरदार निभाया था.
Source : News Nation Bureau