केंद्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली हाई कोर्ट (Dlehi High Court) में ट्विटर विवाद (Twitter Controversy) के मामले में सोमवार को हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि ट्विटर को नए आईटी नियमों (New IT Law) को मानना ही होगा. ट्विटर विवाद पर केंद्र सरकार ने दिल्ली की हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए जवाब दिया है कि ट्विटर केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई आई टी की नई गाइडलाइंस मानने में असफल रहा. हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि ट्विटर नए आईटी नियमों को नहीं मान रहा है.
अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग और सोशल नेटवकिर्ंग सेवा ट्विटर ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह भारत में एक रेजीडेंट ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति के अंतिम चरण में है. दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपे गए जवाब में ट्विटर ने कहा कि भारत में एक ग्रीवांस अधिकारी की नियुक्ति को औपचारिक रूप देने के लिए कदम उठाए जाने से पहले, अंतरिम शिकायत अधिकारी ने 21 जून को अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपने जवाब में कहा, उत्तर देने वाला प्रतिवादी एक प्रतिस्थापन की नियुक्ति के अंतिम चरण में है, जबकि इस बीच भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को शिकायत अधिकारी द्वारा संबोधित किया जा रहा है.
ट्विटर के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी, धर्मेंद्र चतुर ने 21 जून को अपना पद छोड़ दिया था, जिसके बाद ट्विटर ने कैलिफोर्निया स्थित जेरेमी केसल को भारत के लिए नया शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था. हालांकि, केसल की नियुक्ति नए आईटी नियमों के अनुरूप नहीं थी, क्योंकि इन नियमों में कहा गया है कि शिकायत निवारण अधिकारी सहित सभी नोडल अधिकारी भारत में होने चाहिए. ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में 28 मई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी.
इसके पहले 29 जून को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया था. बता दें कि यह केस नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की शिकायत पर दर्ज हुआ है. यह मामला चाइल्ड प्रोनोग्राफी से जुड़ा हुआ है. ट्विटर के खिलाफ पोस्को एक्ट और आईटी एक्ट के तहत दिल्ली में मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि ट्विटर पर बच्चों की अश्लील सामग्री लगातार डाली जा रही थी.
Source : News Nation Bureau