क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने मंगलवार को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है. बता दें कि वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलवाने और नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए बीते 21 दिनों से भूख हड़ताल पर थे. हालांकि, वांगचुक का कहना है कि, यह सिर्फ उनकी भूख हड़ताल का अंत है.. आंदोलन का नहीं, क्योंकि महिला प्रदर्शनकारी कल से 'जलवायु उपवास' पर रहेंगी. मालूम हो कि, वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लोगों से किए गए वादों को पूरा करने की नई अपील करने के कुछ घंटों बाद अपनी भूख हड़ताल खत्म की है.
वांगचुक ने उनके साथ मौजूद समर्थकों से भूख हड़ताल समाप्त करते हुए कहा कि, यह 21 दिनों की भूख हड़ताल के चरण 1 का अंत है, आंदोलन का अंत नहीं है. कल से महिलाओं की भूख हड़ताल शुरू होगी और जब तक समय लगेगा, यह इसी तरह जारी रहेगी.
प्राण जाए पर वचन न जाए
वांगचुक ने प्रधानमंत्री द्वारा भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में किये गये वादों की याद दिलाते हुए कहा कि, मोदी भगवान राम के भक्त हैं और उन्हें 'प्राण जाए पर वचन न जाए' की उनकी शिक्षा का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि, भारत लोकतंत्र की जननी है, हम नागरिकों के पास एक बहुत ही विशेष शक्ति है.
हम किंगमेकर हैं, हम किसी सरकार को अपने तरीके बदलने के लिए मजबूर कर सकते हैं या अगर सरकार काम नहीं करती है तो उसे बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि, इस बार हमें राष्ट्रहित में अपनी मतपत्र शक्ति का उपयोग बहुत सावधानी से करना याद रखना है.
रैंचो का किरदार वांगचुक के जीवन से प्रेरित
बता दें कि, लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने पर बातचीत में गतिरोध के बाद प्रसिद्ध शिक्षा सुधारवादी सोनम वांगचुक 6 मार्च से लेह के शून्य से नीचे तापमान में 'जलवायु उपवास' पर थे. मालूम हो कि, आमिर खान की बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्म "3 इडियट्स" का रैंचो किरदार वांगचुक के जीवन से ही प्रेरित है.
Source : News Nation Bureau