Advertisment

सोनभद्र बना भ्रष्टाचार का अड्डा, नौकरशाहों ने आदिवासियों को इस तरह से छला

नरसंहार की इस घटना में आदिवासी समुदाय के 10 किसानों की हत्या कर दी गई.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
सोनभद्र बना भ्रष्टाचार का अड्डा, नौकरशाहों ने आदिवासियों को इस तरह से छला
Advertisment

सोनभद्र की घोरावल तहसील में बुधवार को हुआ नरसंहार नौकरशाहों और भूमाफिया की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन हड़पने के तिकड़मों का नतीजा है. इलाके में आदिवासी समुदाय के गरीब किसानों की हजारों एकड़ जमीन भूमाफिया ने नौकरशाहों की सांठगांठ से हड़प लिया. नरसंहार की इस घटना में आदिवासी समुदाय के 10 किसानों की हत्या कर दी गई. मामला जमीन हपड़ने से जुड़ा है जहां स्थानीय माफिया के कहने पर आईएसएस अधिकारी ने 600 बीघा जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर दी थी. इस जमीन की कीमत 48 करोड़ रुपये से अधिक है. उत्तर प्रदेश के इस आदिवासी इलाके में राजस्व अधिकारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की पड़ताल करने पर पता चला कि हाल के दिनों में सोनभद्र भ्रष्ट नौकरशाहों, राजनेताओं और माफिया डॉन का अड्डा बन गया है जो औने-पौने दाम में जमीन खरीदते हैं.

यह भी पढ़ें : दो दिन बढ़ेगा संसद का मौजूदा सत्र, 13 विधेयक हैं लंबित

तहसील के उम्भा गांव में जहां बुधवार को नरसंहार की वारदात हुई वहां से महज कुछ सौ गज की दूरी पर स्थित विशंब्री गांव में 600 बीघे का बड़ा भूखंड उत्तर प्रदेश सरकार के चकबंदी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हड़प लिया. सोनभद्र स्थित जिला अदालत में वकालत करने वाले जानेमाने वकील विकाश शाक्य ने बताया, "आदिवासी मेरे पास आए और उन्होंने मुझे इस रैकेट से निजात दिलाने के लिए मुकदमा दर्ज करने को कहा. अदालत के निर्देश पर की गई जांच में खुलासा हुआ कि चकबंदी अधिकारियों ने राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी जहां जमीन का मालिक मृत व्यक्ति को बताया गया था. जमीन के असली मालिक को अदालत में पेश करने पर साजिश की पोल खुल गई और उसके बाद चकबंदी विभाग के 27 अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई."

यह भी पढ़ें : जिम्बाब्वे के खिलाफ श्रृंखला पर फैसले के लिए अक्टूबर तक इंतजार करेगा BCCI

शाक्य ने जमीन की धोखाधड़ी के एक और मामले का जिक्र किया जिसमें राजमार्ग (अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्टरी के समीप) स्थित 14 बीघा जमीन के रिकॉर्ड में कानूनगो ने हेराफेरी की है. शाक्य ने सोनभद्र से फोन पर आईएएनएस से बातचीत में कहा, "कानूनगो ने राजस्व रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करके जमीन का पंजीकरण (विगत तारीख में) अपने दो बेटों के नाम कर लिया, जबकि पंजीकरण के समय उनके ये दोनों बेटे पैदा भी नहीं हुए थे." विडंबना है कि जिन अधिकारियों को आदिवासियों के पक्ष में वन अधिकार अधिनियम और सर्वेक्षण निपटान पर अमल करने की जिम्मेदारी थी वे वर्षो तक गरीब किसानों को धोखा देते रहे. 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद छोटे लाल खरवार ने बताया कि बुधवार को हुए हत्याकांड के पीछे जमीन विवाद और भ्रष्ट नौकरशाहों की लॉबी की मुख्य भूमिका है. 
खरवार ने एक आईएएस अधिकारी के बारे में बताया (नाम का जिक्र नहीं) जिन्होंने कथित रूप से राजस्व अधिकारियों को रिश्वत देकर जमीन अपने परिवार के सदस्यों के नाम करवा ली. बाद में आईएएस अधिकारी ने ग्राम प्रधान यगदत्त के हाथ बेच दी. यगदत्त 10 आदिवासी किसानों की हत्या के अपराध में मुख्य आरोपी है. पूर्व सांसद ने बताया कि कुछ महीने पहले फरवरी 2019 में यगदत्त ने आदिवासी किसानों से जबरन जमीन कब्जाने की कोशिश की थी. हालांकि, शिकायत पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस की नींद नहीं खुली.

यह भी पढ़ें : सिद्धू के दफ्तर से 2 फाइलें गायब होने से पंजाब की सियासत में खलबली, जानें पूरी कहानी

राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी से जुड़े सैकड़ों दीवानी मुकदमे सोनभद्र की विभन्न अदालतों में लंबित हैं. सामाजिक कार्यकर्ता और हिंदी लेखक विजय शंकर चतुर्वेदी ने आईएएनएस को बताया कि सोनभद्र की पहाड़ियों में नक्सलियों की पकड़ की एक वजह जमीन विवाद भी है. उन्होंने कहा कि आदिवासी खुद को स्थानीय अधिकारियों द्वारा छले गए महसूस करते हैं. 
चतुर्वेदी ने बताया, "पंडित (जवाहरलाल) नेहरू 1954 में जब सोनभद्र आए थे तो वह यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को देख मंत्रमुग्ध हो गए थे. उन्होंने कहा था कि यह भारत का स्विटजरलैंड है. कालक्रम में यह भष्टाचार का अड्डा बन गया."

उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश विधानसभा को आश्वत करते हुए कहा कि राजस्व रिकॉर्ड की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति आदिवासियों की जमीन हड़पने के लिए जाली प्रविष्टियों की जांच करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि रैकेट में संलिप्त पाए जाने वाले किसी भी नौकरशाह या राजनेता को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Source : IANS

Sonbhadra Massacre Tribal people killed 600 bigha land fraud 600 bigha land Scam Bureaucrats Scam with Tribal
Advertisment
Advertisment
Advertisment